कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में अब एक्सप्रेसवे की तर्ज पर नेशनल हाईवे पर भी प्रति किलोमीटर के हिसाब से टोल टैक्स की व्यवस्था लागू होगी। नेशनल हाईवे पर आप अपने वाहन को जितनी दूर तक लेकर जाएंगे, उतना ही टोल देना पड़ेगा। प्रति किलोमीटर के हिसाब से टोल अदा करने की एनएचएआई की योजना पहले चरण में अप्रैल 2025 तक हाइब्रिड सिस्टम से लागू होगी। इस योजना में देश के प्रमुख हाईवे शामिल किए गए हैं। हालांकि, टोल प्लाजा भी पूर्व की तरह चलते रहेंगे। कानपुर क्षेत्र में प्रयागराज, अलीगढ़ और उन्नाव-लालगंज हाईवे को इस प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है।हाइवे पर प्रति किलोमीटर के हिसाब से टोल टैक्स वसूली को लेकर प्रक्रियाओं को पूरा कराने की प्रक्रिया शुरू की गई है। तीनों हाइवे का पूरा डेटा ग्लोबल नेवीगेशन सेटेलाइट सिस्टम (GNSS) पर डाला जा रहा है। दूरी, टोल प्लाजा, गुजरने वाले वाहन और चढ़ने-उतरने की सर्विस लेन कनेक्टिविटी से लेकर पूरा मैप जीएनएसएस पर होगा।

टोल प्लाजा खत्म करने की है योजना

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से इस सिस्टम को लागू किया जा रहा है। इस सिस्टम के लागू होने के बाद धीरे-धीरे टोल प्लाजा खत्म किए जाएंगे। योजना के तहत हाइवे पर सफर करने के दौरान कोई वाहन 24 घंटे में 20 किलोमीटर तक सफर करता है तो उसे टोल टैक्स नहीं देना होगा।

क्या है वर्तमान व्यवस्था?

वर्तमान व्यवस्था के तहत दो टोल के बीच कोई वाहन सफर करता है तो उसे शुल्क नहीं देना पड़ता है। इसका अर्थ यह हुआ कि एक टोल से दूसरे टोल की न्यूनतम दूरी 60 किलोमीटर होती है। ऐसे में कोई फास्टैग लगा वाहन टोल प्लाजा से नहीं गुजरता है तो उसे पैसा नहीं देना होता है।

हालांकि, प्रति किलोमीटर टोल व्यवस्था में 20 किलोमीटर से अधिक का सफर करने पर टोल टैक्स देना होगा। हाइब्रिड सिस्टम के तहत फास्टैग से भी टोल कटेगा।

वाहनों में ओबीयू जरूरी

जीएनएसएस के तहत टोल देने के लिए वाहनों में एबीयू यानी ऑन बोर्ड यूनिट लगवाना होगा। नए वाहनों में फैक्ट्री फिटेड ओबीयू होगा। अभी शोरूम मालिक अपने परिसर से बाहर निकलने वाली नई कारों में जिस तरफ फास्ट्रेक स्टिकर लगवाते हैं, वैसे ही ओबीयू लगवाएंगे। जैसे ही जीएनएसएस वाहन टोल गेट से गुजरेगा, उसे एक पिंग प्राप्त होगा।

इस पिंग में वाहन चालक को दूरी, समय और टिकट मिलेगा। ओबीयू के जरिए फास्ट्रेक की तरह इलेक्ट्रॉनिक भुगतान होगा। इससे वाहन चालकों को अधिक परेशानी नहीं होगी।

एनएचएआई ने दी जानकारी

एनएचएआई के परियोजना निदेशक अमन रोहिला ने बताया कि एनएचएआई पहले चरण में टोल प्लाजा के साथ सेटेलाइट के माध्यम से टोल भुगतान की सुविधा शुरू करने जा रहा है। कानपुर के तीनों हाइवे की पूरी जानकारी हाइब्रिड सिस्टम पर डालने के लिए मुख्यालय को भेज दी गई है। एक्सप्रेसवे की तर्ज पर जितनी दूरी वाहन तय करेगा, उसे उतना ही टोल देना होगा।

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