मुंबई : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र के राजनीतिक दलों पर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनमें कोई विचारधारा नहीं बची है। साथ ही कहा कि विभाजनकारी राजनीति करने वाले लोग उन्हें सांप्रदायिक करार दे रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह देश सभी समुदायों का समान रूप से है, चाहे वे पगड़ी या टोपी पहनते हों या वे जो माथे पर तिलक लगाते हों।तेलंगाना के एआईएमआईएम विधायक ओवैसी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए छत्रपति संभाजी नगर पहुंचे थे। उन्होंने यहां के अमखास मैदान में अपनी पार्टी के उम्मीदवारों इम्तियाज जलील और नसीर सिद्दीकी के लिए एक सार्वजनिक रैली को संबोधित किया।

औरंगाबाद सेंट्रल और औरंगाबाद पूर्व से कैंडीडेट्स

जलील 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में औरंगाबाद पूर्व से जबकि सिद्दीकी औरंगाबाद मध्य से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारी पार्टी (एआईएमआईएम) मुस्लिम, दलित, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और मराठों की आवाज उठाती है। मैं भड़काऊ भाषण नहीं देता। जो लोग बंटोगे तो कटोगे की बात करते हैं, वे मुझे सांप्रदायिक कहते हैं।’

अकबरुद्दीन ओवैसी ने पूछा कि मॉब लिंचिंग, घर वापसी, टोपी और दाढ़ी पर बहस और हिंदू-मुस्लिम के बीच भेद – क्या ऐसी चीजें देश को कमजोर नहीं बनाती हैं? उन्होंने योगी आदित्यनाथ के बंटेंगे तो कटेंगे का जिक्र किया। अकबरुद्दीन ने कहा कि योगी तेरे आने के बाद अकबर भी आने वाला है, मोदी तेरे आने के बाद अकबर भी आने वाला है हम जवाब देंगे जिंदगी गुजर गई चाय बनाने में लेकिन चाय क्या होती है कैसी बनती है, चाय… चाय… चाय… की पत्ती चाय की खेती, चाय का पानी, चाय की केतली… चाय का चिल्ला हम बनाएंगे 20 तारीख को, पतंग- पतंग ही रहेगी।

शिवसेना और एनसी गठबंधन पर निशाना

ओवैसी ने महाराष्ट्र की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘2019 में चार प्रमुख राजनीतिक दल थे। लेकिन अब दो शिवसेना और दो राकांपा हैं। इन पार्टियों ने अलग-अलग विचारधारा वाले लोगों से हाथ मिला लिया। लेकिन, क्या कांग्रेस ने अपने गठबंधन सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) को धर्मनिरपेक्षता सिखाई या शिवसेना (यूबीटी) ने कांग्रेस को हिंदुत्व सिखाया। महाराष्ट्र के दलों में कोई विचारधारा नहीं बची है।’

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