नई दिल्‍ली: घी में मक्खियां और मच्छर। डेयरी प्रोडक्‍ट्स में मरी हुई छिपकली मिली। छत पर मकड़ी के जाले। बीते रोज जब शक्ति मिल्क एंड मिल्क प्रोडक्ट्स का निरीक्षण किया गया तो टास्‍क फोर्स गंदगी देखकर दंग रह गई। डेयरी प्रोडक्‍ट बनाने वाली यह कंपनी तेलंगाना के जंगांव जिले के रघुनाथपल्ली मंडल में स्थित है। शनिवार को राज्य स्तरीय टास्क फोर्स ने इसका निरीक्षण किया। इस दौरान खाने-पीने की चीजों की साफ-सफाई और सुरक्षा नियमों का हर जगह पर उल्लंघन मिला। टीम ने दूषित दही समेत कई खाद्य पदार्थ नष्ट किए। जांच के लिए नमूने जुटाए। FSS अधिनियम, 2006 और FSS नियम, 2011 के तहत आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह जानकारी तेलंगाना के खाद्य सुरक्षा आयुक्त के ऑफिशियल सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर शेयर की गई।

टास्क फोर्स की टीम ने कई खामियां पाईं

शक्ति मिल्क एंड मिल्क प्रोडक्ट्स में हुए निरीक्षण ने कंपनी की खाद्य सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। 1 फरवरी को राज्य स्तरीय टास्क फोर्स की टीम ने कई खामियां पाईं। तेलंगाना के खाद्य सुरक्षा आयुक्त ने बताया कि खाद्य पदार्थों को बनाने और इनके रखरखाव के दौरान कर्मचारी साफ-सफाई के नियमों का पालन नहीं कर रहे थे।

कोल्ड स्टोरेज की छत और फर्श की हालत खराब थी। घी में मक्खियां और मच्छर जैसे कीड़े पाए गए। दूध-दही जैसे खाद्य पदार्थों में मरी हुई छिपकली भी मिली। छत पर मकड़ी के जाले देखे गए। कीट नियंत्रण और पानी की जांच की रिपोर्ट जैसे जरूरी दस्तावेज भी नहीं मिले।

उपकरण गंदे और जंग लगे हुए थे। यह देखकर कंपनी के रखरखाव पर भी सवाल उठे। कच्चा सामान बेतरतीब ढंग से रखा हुआ था। इससे संदूषण का खतरा बढ़ गया था। पैकेज्ड उत्पादों पर लेबल सही नहीं थे या गायब थे। यह खाद्य सुरक्षा नियमों का उल्लंघन है।

फफूंद लगा 720 किलो दही नष्ट क‍िया गया

खराब और फफूंद लगे 720 किलो दही को नष्ट कर दिया गया। लेबलिंग में खराबी और घटिया गुणवत्ता के संदेह के कारण 1,700 किलो दही जब्त किया गया। पूरी जांच के लिए नमूने प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। टास्क फोर्स ने पुष्टि की है कि FSS अधिनियम, 2006 और FSS नियमों, 2011 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

खाद्य सुरक्षा आयुक्त, तेलंगाना ने अपने ‘एक्‍स’ पर यह जानकारी और निरीक्षण की तस्वीरें शेयर कीं। तस्वीरों में खराब और फफूंदी लगा खाना दिख रहा था। एक यूजर ने टिप्पणी की, ‘पुराने शहर में ऐसे कई प्लांट हैं जहां निरीक्षण दल कभी घुसने की हिम्मत नहीं करता।’

भारत में खाद्य प्रतिष्ठानों में स्वच्छता बड़ी चिंता का विषय है। नियमों के उल्लंघन की खबरें अक्सर आती रहती हैं। खराब स्वच्छता, दूषित सामग्री और नियमों की लापरवाही से जनता के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पैदा होता है। इस घटना ने एक बार फिर खाद्य सुरक्षा के महत्व को उजागर किया है। उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सख्त नियमों का पालन और नियमित निरीक्षण जरूरी है।

यह घटना खाद्य सुरक्षा मानकों को बनाए रखने की जरूरत पर जोर देती है। नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई आवश्यक है। इससे अन्य खाद्य निर्माताओं को भी सबक मिलेगा। वे स्वच्छता और गुणवत्ता मानकों का पालन करेंगे। उपभोक्ताओं को भी जागरूक रहना चाहिए और किसी भी तरह की गड़बड़ी की शिकायत करनी चाहिए।

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