वहीं जेपीएससी-वन की टॉपर रही शालिनी लंबे समय तक झारखंड में डिप्टी कलेक्टर रैंक में काम कर रही थीं। दो साल पहले वो छुट्टी पर गई थी। उसके बाद ड्यूटी पर वापस नहीं लौटी।
मनीष-शालिनी का परिवार काफी धार्मिक
मनीष विजय अग्रवाल और उनकी मां-बहन लंबे समय तक रांची के रेडियम रोड स्थित एक अपार्टमेंट में रहीं। रांची के जिस किराये के मकान में वो सभी करीब पांच साल तक रहे, वहां रहने वाले उनके एक पड़ोसी ने बताया कि उनका पूरा परिवार काफी धार्मिक था।
शालिनी की शादी के बाद मां ने कराया था मुंडन
शालिनी और मनीष के पड़ोसी ने बताया कि मनीष की मां बोकारो में प्रोफेसर थीं, वहीं कभी-कभी उनके दादा भी मिलने आते थे। पूरा परिवार मूल रूप से झारखंड का ही रहने वाला था। शालिनी ने रांची में कई वर्षों तक मजिस्ट्रेट के रूप में भी अपनी सेवा दी। बाद में उनकी शादी दक्षिण भारत में रहने वाले एक प्रोफेसर से हो गई। शालिनी की शादी के पहले उनकी मां ने मन्नत मांगी थी कि बेटी की शादी होने के बाद वो सिर का बाल भगवान को दान दे देंगी। बेटी की शादी के बाद उनकी मां शकुंतला ने मुंडन भी करवा लिया था।
मां का शव सफेद कपड़ों में मिला था लिपटा
केरल पुलिस को मनीष और उनकी मां शालिनी का शव फंदे में लटका मिला था। वहीं उनकी मां शकुंतला का शव बिस्तर पर पड़ा मिला था। मां का शव सफेद कपड़े में लिपटा था और उसके दोनों ओर फूल रहे हुए थे।
मनीष की बहन-मां कई महीनों से रह रही थीं साथ
मनीष अग्रवाल 2011 आईआरएस बैच के अधिकारी थे और जीएसटी आयुक्त कार्यालय में शीर्ष अधिकारी थे। उनकी बहन शालिनी पिछले कुछ महीनों से अपने भाई और मां के साथ रह रही थी। हालांकि रांची में रहने वाले एक पड़ोसी ने बताया कि शालिनी का पति भी संभवतः केरल में ही कार्यरत था। ऐसे में अब तक उनका सामने नहीं आना कई सवाल खड़ा करता है। पड़ोसी ने यह भी जानकारी दी कि शालिनी की दूसरी बहन की शादी जयपुर में रहने वाले किसी युवक से हुई थी और वो अभी विदेश में रहती हैं।