उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में महाकुंभ से लाए गए पवित्र जल से कैदियों के स्नान का ऐतिहासिक आयोजन किया गया. इसी कड़ी में वाराणसी के सेंट्रल जेल में भी हजारों कैदियों ने श्रद्धापूर्वक स्नान किया. सेंट्रल जेल के 2200 से अधिक बंदियों ने जब महाकुंभ के पावन जल से स्नान किया, तो जेल परिसर ‘हर हर महादेव’ और ‘जय गंगे मैया’ के उद्घोष से गूंज उठा. कैदियों ने इस ऐतिहासिक आयोजन को सौभाग्यशाली बताया और सरकार का आभार व्यक्त करते हुए जल्द रिहाई की प्रार्थना की.

जेल में वैदिक अनुष्ठान और कलश यात्रा

दरअसल, स्नान से पहले जेल प्रशासन ने जेल के हनुमान मंदिर में विधिवत मंत्रोच्चार के साथ कलश स्थापना की. महाकुंभ से लाए गए जल को अभिमंत्रित किया गया, जिसके बाद शंखनाद की गूंज के साथ जेल परिसर में कलश यात्रा निकाली गई. कैदियों ने अपने सिर पर संगम त्रिवेणी के पवित्र जल का कलश रखकर परिक्रमा की और जेल के चार अलग-अलग हिस्सों में स्थापित टैंकों में इसे अर्पित किया. इसके बाद महाकुंभ संगम के जल को उन टैंकों में भर दिया गया, ताकि सभी कैदी इस पुण्य लाभ में शामिल हो सकें.

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जेल अधीक्षक ने बताया ऐतिहासिक क्षण

वाराणसी सेंट्रल जेल अधीक्षक राधाकृष्ण मिश्रा ने इस अनूठे आयोजन को अपने करियर का सबसे अद्भुत और ऐतिहासिक क्षण बताया. उन्होंने कहा, हमारी जेल में लगभग 2200 कैदी हैं और आज सभी को महाकुंभ के संगम जल से पुण्य स्नान का अवसर मिला. मैंने अपने पूरे जीवन में कभी ऐसा आयोजन नहीं देखा. इसके लिए हम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सभी वरिष्ठ अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं.

कैदियों की भावनाएं और आस्था

इस आयोजन में भाग लेने वाले कैदियों ने बताया कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उन्हें इस तरह का सौभाग्य प्राप्त होगा. कई कैदी पहली बार महाकुंभ स्नान का अनुभव कर पाए और इसे जीवन का महत्वपूर्ण पल बताया. वहीं, एक सजायाफ्ता कैदी ने भावुक होकर कहा, हमारे लिए महाकुंभ में स्नान करना संभव नहीं था, लेकिन योगी-मोदी सरकार ने हमें जेल के अंदर ही संगम त्रिवेणी के जल से स्नान करने का अवसर दिया. हम अपने पापों से मुक्ति और जल्दी रिहाई की प्रार्थना कर रहे हैं.

धार्मिक आस्था और आध्यात्मिक माहौल

पूरे कार्यक्रम के दौरान वैदिक मंत्रोच्चार से जेल परिसर में आध्यात्मिक वातावरण बना रहा. यह आयोजन धार्मिक आस्था और सरकार के कैदियों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण को दर्शाता है. इस अनोखी पहल से कैदियों के मानसिक और आध्यात्मिक सुधार को बढ़ावा मिलेगा. जेल प्रशासन के अनुसार, इस आयोजन का सकारात्मक प्रभाव कैदियों के व्यवहार और सोच पर भी पड़ेगा.

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