UP Politics: मुख्यमंत्री योगी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान 24 फरवरी 2025, सोमवार को महाकुंभ की चर्चा के दौरान एक बयान दिया जिस पर अब सियासत तेज हो गई है.समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने बिना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिए उनके बयान पर पलटवार किया है. 

सीएम योगी के बयान के संदर्भ में अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- … लेकिन महाकुंभ में जिन्होंने अपनों को तलाशा उन्हें न तो अपने उन परिवारवालों का नाम मृतकों की सूची में मिला, जो हमेशा के लिए खो गये और न ही खोया-पाया के रजिस्टर में. 

मानवीय संवेदनाओं को खो दिया- अखिलेश
सपा चीफ ने लिखा- कुछ लोगों ने महाकुंभ में राजनीतिक अवसरवाद को तलाशा और उनको आत्मप्रचार का माध्यम मिला लेकिन उन्होंने अपनी नैतिकता, सत्यनिष्ठा और मानवीय संवेदनाओं को खो दिया और वाणी पर संतुलन को भी. 

कन्नौज सांसद ने लिखा- अशोभनीय कथनों का उच्चारण बताता है कि मानसिकता जब नकारात्मकता के चरम पर होती है तो देश, काल, स्थान की गरिमा का ख़्याल न करते हुए शब्दों के रूप में प्रकट होती है. 

उन्होंने लिखा- ‘महाकुंभ’ जैसे पावन-पवित्र धार्मिक-आध्यात्मिक पर्व के संबंध में बोलते समय शब्दों का चयन, इस अवसर के मान और प्रतिष्ठा के अनुकूल होना चाहिए. महाकुंभ में कई बार जाकर भी जिनका वैचारिक उद्धार नहीं हुआ, उनके पाप और पतन की सीमा भला कौन नाप सकता है. ऐसे कथनों से जिन सुधीजनों को ठेस पहुँची है, उनसे निवेदन है कि ऐसे लोगों के प्रति सहानुभूति की भावना रखें न कि आक्रोश की. …सन्मति दे भगवान!

CM योगी के गिद्ध-सूअर वाले बयान पर भड़के सपाई, नेता प्रतिपक्ष बोले- ‘वो होश में नहीं हैं’

सीएम योगी के बयान पर न सिर्फ अखिलेश बल्कि कई सपा नेता भी भड़क गए हैं. सपा विधायक अमिताभ वाजपेयी ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री जी अखबारों की हेडिंग ढूंढते हैं. उनका ध्यान प्रदेश पर नहीं है. उनका ध्यान जनता पर नहीं है. वह अखबार की हेडिंग क्या बनेगी इसको देखते हैं. जब उनको राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद जवाब देना था तो इस तरह के शब्द प्रस्तुत कर रहे हैं. उनको शब्दों का चयन सोच समझकर करना चाहिए.

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