
Shiv Baraat In KashiImage Credit source: Getty Images
Shiv Baraat In Kashi On Mahashirstri 2025: महादेव की नगरी काशी में भगवान शिव के विवाह दिवस महाशिवरात्रि पर उनकी बारात की तिथि बदल दी गई है. ऐसा भी कह सकते हैं कि लगभग 45 साल पुरानी इस परंपरा को महाकुंभ से काशी आ रही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए आयोजकों ने बदलने का निर्णय लिया है. 26 फरवरी को महाशिवरात्रि है. यह पहला मौका होगा जब काशी की विश्वविख्यात शिव जी बारात महाशिवरात्रि के दिन न निकालकर एक दिन बाद यानी 27 फरवरी को निकाली जाएगी.
महाशिवरात्रि पर नहीं निकाली जाएगी शिव जी की बारात
शिव बारात आयोजन समिति के संस्थापक और संयोजक दिलीप सिंह ने बताया कि इस वर्ष महाकुंभ के कारण प्रयाग समेत देश के विभिन्न हिस्सों से काशी आने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए आयोजन समिति ने फैसला किया है कि शिव बारात महाशिवरात्रि पर नहीं निकाली जाएगी. सुरक्षाकर्मी अधिकारी भी इस वर्ष ज्यादा भीड़ के कारण बहुत व्यस्त हैं. ऐसे में ये बारात 27 फरवरी को पूरी भव्यता के साथ निकाली जाएगी. 27 फरवरी को शिव बारात रात 8 बजे रात महामृत्युंजय मंदिर के पास से शुरू होकर शहर के विभिन्न रास्तों से गुजरेगी.
10 लाख से ज्यादा लोगों की भीड़ का अनुमान
दिलीप सिंह ने बताया कि शिव बारात के लिए किसी से किसी भी तरह की धनराशि मदद के तौर पर नहीं ली जाती. चंदा वगैरह की कोई भी प्रथा इस आयोजन से नहीं जुड़ी है. आयोजन समिति के जितने भी पदाधिकारी हैं वही महादेव की इस विवाह के वर्षगांठ के आयोजन को संपन्न कराते हैं. दिलीप सिंह ने कहा कि इस वर्ष शिव जी की बारात में लगभग 10 लाख से ज्यादा लोगों की भीड़ होने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि महिलाएं, बुजुर्गो और बच्चे घर बैठे ही इस वर्ष शिव बारात का आनंद लें.
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बारात देखने के लिए रास्तों पर रहती है भारी भीड़
बता दें कि काशी में शिव जी की बारात देखने के लिए रास्तों पर लोगों की भारी भीड़ लगती है. शिव जी की बारात में शामिल भूत, पिशाच और गण अपनी मौज मस्ती में चलते हैं. शिव बारात में ढोल नगाड़े भी बजते रहते हैं. सप्त ऋषियों सहित ऋषि मुनि स्वस्तिक गायन करते हुए बारात की शोभा बढ़ाते हैं. महादेव की बारात में देवराज इंद्र, समस्त देवी देवता, यक्ष और गंधर्व रहते हैं.
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