पंजाब विधानसभा सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विपक्ष के नेता प्रताप बाजवा के उस बयान को लेकर कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोला, जिसमें उन्होंने कहा था कि AAP के 32 विधायक उनके संपर्क में हैं. बिना किसी का नाम लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सदन में बोलते हुए कहा, ‘कांग्रेस के पास कोई गंभीर मुद्दा नहीं है. उनके नेता बस यही कहते रहते हैं कि AAP के 32-35 विधायक उनके संपर्क में हैं.’
इस मुद्दे पर आक्रामक नजर आ रहे सीएम मान ने कहा, ‘कांग्रेस हमारे बारे में तो बात करना छोड़े, वह अपने ही नेताओं से संपर्क में नहीं है. मैं इस सदन में एक साथ बैठे सात कांग्रेसी नेताओं को चुनौती देता हूं कि वे एक होकर दिखाएं.’ उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस में खुद 5-6 गुट हैं और उसके नेता हमारे बारे में बात करते हैं.
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छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को पंजाब कांग्रेस सचिव नियुक्त करने पर सीएम मान ने निशाना साधते हुए कहा, ‘वे हमारे राष्ट्रीय नेताओं के बारे में सवाल उठाते हैं, उन्हें बाहरी बताते हैं. अब मैं पूछना चाहता हूं कि क्या भूपेश बघेल मोगा से हैं?’ सीएम मान ने पंजाब कांग्रेस के नेताओं पर राज्य के मुद्दे केंद्र सरकार के स्तर पर नहीं उठाने का आरोप लगाया.
प्रताप सिंह बाजवा ने भी किया पलटवार
सदन की कार्यवाही खत्म होने के बाद सीएम भगवंत मान पर पलटवार करते हुए विपक्ष के नेता प्रताप बाजवा ने कहा, ‘पंजाब सरकार ने एक विशेष सत्र बुलाया और यहां भी पंजाब के सीएम ने हमेशा की तरह कोई गंभीरता नहीं दिखाई. मान हकीकत जानते हैं और मैं अब भी अपने दावे पर कायम हूं कि आम आदमी पार्टी के 32 विधायक हमारे संपर्क में हैं. मैं यह जोड़ना चाहूंगा कि मान के साथ कोई भी नहीं है.’
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प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, ‘हालांकि हम दिल्ली में बीआर अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें सीएम दफ्तर और अन्य कार्यलयों से हटाकर दूसरी जगह लगाने और कृषि मुद्दे पर मान सरकार के साथ थे, लेकिन मैं इसकी निंदा करता हूं कि दिवंगत प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को भारत रत्न देने का प्रस्ताव क्यों पारित नहीं किया गया.’ उन्होंने कहा कि विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दे अनसुने रह गए.