बिहार में अगले साल चुनाव है और ताना-बाना अभी से बुना जाने लगा है. राज्य में बजट सत्र से ठीक पहले नीतीश सरकार का कैबिनेट विस्तार होने जा रहा है. आज शाम 4 बजे कैबिनेट में सात नए मंत्री शामिल हो सकते हैं. कुल 7 नए मंत्री शपथ ले सकते हैं. ये सभी विधायक बीजेपी कोटे से होंगे. कैबिनेट विस्तार में जातीय समीकरण पर फोकस रखा जा रहा है.

बीजेपी राज्य में जातीय समीकरण साधने की कोशिश में है. संभावित मंत्रियों में राजपूत, भूमिहार, कुर्मी, कुशवाहा, दलित और वैश्य समाज से चेहरे देखने को मिल सकते हैं. जिन 7 नामों की चर्चा हैं, उनमें कृष्ण कुमार मंटू, संजय सरावगी, विजय मंडल, राजू सिंह, जीवेश मिश्रा, मोतीलाल का नाम शामिल है. तारकिशोर प्रसाद और कविता पासवान का नाम भी मंत्रिमंडल की दौड़ में चल रहा है. अंतिम फैसला बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व की मुहर के साथ लगेगा.

संजय सरावगी, दरभंगा से बीजेपी विधायक हैं और वैश्य समाज से आते हैं. कृष्ण कुमार उर्फ मंटू पटेल अमनौर से बीजेपी विधायक हैं और कुर्मी समाज से ताल्लुक रखते हैं. राजू सिंह साहिबगंज से बीजेपी विधायक हैं. वे वीआईपी के टिकट पर 2020 का विधानसभा चुनाव लड़े और जीते थे. बाद में वो बीजेपी में शामिल हो गए थे. राजू, राजपूत जाति से आते हैं.

जीवेश मिश्रा जाले से बीजेपी के विधायक हैं और भूमिहार जाति से आते हैं. वे पहले भी मंत्री रह चुके हैं. विजय कुमार मंडल सिकटी विधानसभा से बीजेपी के विधायक हैं. मोती लाल प्रसाद रीगा से बीजेपी विधायक हैं. 

हालांकि, सूत्रों का यह भी दावा है कि कैबिनेट विस्तार में बीजेपी से एक महिला विधायक को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है. कोढ़ा से बीजेपी विधायक कविता पासवान मंत्री पद की शपथ ले सकती हैं. कविता दलित कोटे और महिला कोटे से हैं.

फिलहाल, नीतीश कैबिनेट में अभी तक मंत्रियों की संख्या 30 थी. हालांकि, आज बीजेपी कोटे से मंत्री दिलीप जायसवाल ने इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद यह संख्या 29 हो गई. अब 7 पद खाली हो गए हैं. इस समय बीजेपी से 14, जेडीयू से 13, HAM से 1 और एक निर्दलीय कोर्ट से मंत्री है. नए विस्तार में सातों नाम बीजेपी के होंगे. ऐसे में बीजेपी के मंत्रियों की संख्या 21 हो जाएगी. दिलीप जायसवाल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं.

बिहार में 28 फरवरी से बजट सत्र शुरू होगा और 28 मार्च तक चलेगा. इस दौरान सरकार आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेगी. वित्तीय वर्ष 2025-26 का वार्षिक बजट भी पेश किया जाएगा.  

कैबिनेट विस्तार में 7 नए चेहरों को जगह मिल सकती है. माना जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले NDA बड़ा दांव खेलने जा रही है. जातीय समीकरण के आधार पर नई कैबिनेट में चेहरे एडजस्ट किए जाएंगे. सूत्रों के अनुसार, बिहार बीजेपी नेतृत्व ने अपनी तरफ से नए चेहरों के नाम की लिस्ट फाइनल कर ली है. बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से मुहर के बाद सीएम नीतीश के पास ये लिस्ट भेजी जाएगी.

जेडीयू कोटे से किसी का नाम मंत्री बनने की लिस्ट में नहीं है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल थोड़ी देर पहले सीएम से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं और इस वक्त डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के घर अहम बैठक जारी है.

बिहार में एनडीए की सरकार है. अलायंस में बीजेपी, जेडीयू, HAM, LJP (R) शामिल हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बीजेपी कोटे से सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा डिप्टी सीएम हैं. बिहार में बीजेपी के 80 विधायक हैं और जेडीयू के 44 विधायक हैं. जीतनराम मांझी की पार्टी HAM (S) के चार विधायक हैं.

बिहार में जातीय जनगणना रिपोर्ट क्या?

जाति आधारित गणना 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में हिंदुओं की सबसे ज्यादा आबादी है. यहां 81 फीसदी हिंदू हैं. अति पिछड़ा वर्ग की आबादी 36 फीसदी, पिछड़े वर्ग की आबादी 27 फीसदी, एससी की आबादी 19 फीसदी, एसटी की आबादी 1.6 फीसदी और मुसहर की आबादी 3 फीसदी है.

रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में सवर्ण काफी कम आबादी में सिमट गए हैं. अनारक्षित की आबादी 2 करोड़ 02 लाख 91 हजार 679 है. ये बिहार की कुल आबादी का 15 फीसदी है.

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