नई दिल्ली : राष्ट्रपति ट्रंप के हाई टैरिफ से जुड़ी धमकियों के बीच यूरोपियन यूनियन और भारत इस सहमति पर पहुंचे कि इस साल के आखिर तक द्विपक्षीय फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर मुहर लग जाने की कोशिश की जाएगी। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने अपने अधिकारियों को इसे लेकर निर्देश दिए हैं। वहीं उर्सुला डेर ने भी एक थिंक टैंक इंवेंट में कहा कि दोनों पक्ष इसे आखिरी रूप देने पर विचार कर रहे हैं। यह दुनिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा समझौता होगा।

समझौते को लेकर दोनों पक्ष गंभीर

दोनों पक्षों और प्रतिनिधि स्तर की द्विपक्षीय बातचीत के बाद विदेश मंत्रालय के सचिव ( वेस्ट ) तन्मय लाल ने एक विशेष प्रेस वार्ता में कहा कि इसे लेकर द्विपक्षीय बातचीत बहुत गंभीर रवैये से हो रही है, दोनों नेताओं की ओर से राजनीतिक संदेश साफ है, कि एग्रीमेंट अहम है और इसे अमली जामा पहनाना जल्द से जल्द जरूरी है। इस दौरान पीएम ने साझा संबोधन में इस दौरान अपने संबोधन में पीएम ने कॉलेज ऑफ कमिश्नर की भारत यात्रा को अभूतपूर्व करार दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 2025 से आगे के समय के लिए भारत और ईयू साझेदारी का एक महत्वाकांक्षी रोडमैप बनाएंगे। पीएम ने कहा कि ये एक ऑर्गेनिक साझेदारी है।

डिफेंस और सेक्योरिटी में भी करीबी

इसके साथ ही भारत- ईयू भारत -पश्चिम एशिया – यूरोप आर्थिक गलियारे के लिए ठोस कदम उठाए जाने को लेकर भी सहमत हुए हैं। दोनों पक्ष डिफेंस और सेक्योरिटी के सेक्टर में भी और नज़दीक आए हैं। इंडो पैसिफिक क्षेत्र में शांति, स्थिरता, सुरक्षा को लेकर दोनों पक्ष एकमत हुए हैं और ईयू ने इंडिया पैसिफिक ओशन्स इनीशिएटिव से जुड़ने का फैसला किया है। इसके साथ ही दोनों इंडो पैसिफिक और अफ्रीका में सस्टेनेबल विकास के लिए ट्रायंगुलर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स पर भी काम करेंगे।

दरअसल दिल्ली में अपनी यात्रा के दूसरे दिन एक थिंक टैंक को संबोधित करते हुए उर्सुला ने इस पार्टनरशिप को लेकर साफ कहा कि जिओ पॉलिटिकल चुनौतियों से निपटने के लिए दोनों पक्षों को रणनीतिक संबंधों को अगले स्तर तक ले जाना होगा और EU जापान और दक्षिण कोरिया के साथ किए गए समझौतों की तरह भारत के साथ भविष्य में सुरक्षा पार्टनरशिप की संभावनाएं तलाश रहा है।

20 बैठकें और कई करार

इस दौरे में ईयू के प्रतिनिधियों और भारत सरकार के मंत्रियों के बीच कई बैठकें हुई, इनमें व्यापार, टेक्नोलॉजी, निवेश,ग्रीन ग्रोथ, सेक्योरिटी, स्कीलिंग में सहयोग का ब्लू प्रिंट तैयार किया गया है। लाल ने बताया कि ट्रेड और टेक्नोलॉजी काउंसिल के तहत तीन वर्किंग ग्रुप्स ने भी खासी उपलब्धि हासिल की। डिजिटल गवर्नेंस, रणनीतिक टेक्नोलॉजी, ग्रीन एनर्जी जैसे सेक्टर्स में प्रगति हासिल हुई है।

सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम, हाई परफॉर्मेंस कम्प्यूटिंग, 6 जी, डीपीआई पर जोर दियाा गया है। इसके तहत इलेक्ट्रिक व्हिकल, ग्रीन/रिन्यूएबल हाइड्रोजन में सहयोग को लेकर आगे बढ़े हैं। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के एक करार को हरी झंडी दी गई है। वहीं भारत 6 G अलायंस और ईयू 6 जी स्मार्ट नेटवर्क के बीच भी एक करार पर हस्ताक्षर हुए हैं।

सेक्योरिटी और डिफेंस

दोनों पक्षों ने भारतीय नेवी और ईयू मैरीटाइम सेक्योरिटी एंटीटीज़ के बीच साझा अभ्यास को लेकर संतोष जताया। ईयू ने PESCO (परमानेंट स्ट्रक्चर्ड को- ऑपरेशन प्रोजेक्ट ज्वाइन करने के भारत की रूचि का स्वागत किया। दोनों पक्षों ने काउंटर टेररिज्म और आतंकवाद फायनेंसिंग के खिलाफ सहयोग को और गहरा करने पर बल दिया। इसके अलावा दीर्घकालिक वीजा स्कीम्स और मोबिलिटी और माइग्रेन के मैकेनिज्म की मजबूती पर बात हुई ।

दोनों पक्षों ने फ्री और ओपन इंडो पैसिफिक को समर्थन देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया, साथ ही ग्रीन हाइड्रोजन फोरम और ऑफशोर विंड एनर्जी समिट आयोजित करने का भी फैसला लिया। Carbon Border Adjustment Mechanism से जुड़ी भारत की चिंताओं को लेकर लाल ने कहा कि इस तरह के संकेत मिलते हैं कि ीयू की ओर से इसमें थोड़ा बदलाव किया गया है। हम उम्मीद करते हैं कि इसे लेकर विकासशील देशों की चिंताओं का ध्यान रखा जाएगा।

यूक्रेन और मिडिल ईस्ट के हालत पर भी चर्चा

दोनों पक्षों ने यूक्रेन में ऐसी स्थाई शांति की वकालत की जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों और यूएन चार्टर के तहत अनुकूल हो। वहीं इजरायल और फिलिस्तीन के मसले पर टू स्टेट सॉल्यूशन के साझे विजन को दोहराया।

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