अमेरिका के बिना रूस से युद्ध लड़ पाएंगे जेलेंस्की? यूक्रेन के हथियारों का पूरा लेखा-जोखा

जेलेंस्की और ट्रंप में बहस.

रूस-यूक्रेन युद्ध को तीन साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं. अमेरिका, जो अब तक यूक्रेन का सबसे बड़ा समर्थक रहा है, उसकी मदद पर सवाल खड़े हो गए हैं. इसी बीच 28 फरवरी को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात चर्चा में रही. माना जा रहा था कि यह शांति वार्ता होगी, लेकिन मीटिंग के दौरान ट्रंप और ज़ेलेंस्की के बीच तीखी बहस हो गई. ट्रंप ने ज़ेलेंस्की से कहा, “या तो डील करो, नहीं तो हमारी मदद भूल जाओ!”

अब सवाल उठता है कि अगर अमेरिका ने अपनी मदद रोक दी, तो क्या यूक्रेन रूस के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रख पाएगा? आइए, ज़ेलेंस्की की सैन्य ताकत और रूस की स्थिति का पूरा विश्लेषण करते हैं.

1. अमेरिका से मिलने वाली मदद का हाल

जर्मनी स्थित थिंक टैंक कील इंस्टीट्यूट के मुताबिक, जनवरी 2022 से दिसंबर 2024 के बीच अमेरिका ने यूक्रेन को 119.7 अरब डॉलर (£94.3 अरब) की सहायता दी है. इसमें एडवांस हथियार सिस्टम, टैंक और एयर डिफेंस सिस्टम, युद्ध प्रशिक्षण और अन्य सैन्य सहायता शामिल हैं. लेकिन अब अमेरिकी कांग्रेस में इस सहायता पर असहमति बढ़ रही है. रिपब्लिकन सांसद ज़्यादा फंडिंग देने के पक्ष में नहीं हैं. ऐसे में अगर अमेरिका पीछे हटता है, तो क्या यूरोप यूक्रेन को बचा पाएगा?

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2. यूक्रेन के पास कितने हथियार बचे हैं?

यूक्रेन अभी भी पश्चिमी देशों से मिले टैंक, पैट्रियट मिसाइल सिस्टम और ड्रोन के दम पर लड़ रहा है, लेकिन रूस के मुकाबले उसकी सैन्य ताकत सीमित है. यूक्रेन के पास मौजूद प्रमुख हथियार:
* अमेरिका की ATACMS मिसाइलें रेंज: 300 किमी
* ब्रिटेन-फ्रांस की स्टॉर्म शैडो और स्कैल्प मिसाइलें रेंज: 250 किमी
* 80 से अधिक मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम इनमें शामिल हैं अमेरिकी HIMARS, जिसने पहले भी रूस के कई सैन्य ठिकाने तबाह किए हैं. ब्रिटेन का M270 मिसाइल सिस्टम, जो लंबी दूरी के हमलों में कारगर है.

लेकिन इन हथियारों को संचालित और बनाए रखना मुश्किल हो सकता है. गोलाबारूद की पहले से कमी है. अमेरिका की मदद बिना ये हथियार ज्यादा दिन तक नहीं चल पाएंगे.

3. रूस की सैन्य ताकत कितनी मजबूत?

रूस ने अपनी सैन्य खर्च की रफ्तार इतनी तेज़ कर दी है कि वह पूरे यूरोप के रक्षा बजट को पीछे छोड़ चुका है.अंतरराष्ट्रीय थिंक टैंक इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज़ (IISS) की ताज़ा “मिलिट्री बैलेंस” रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में रूस का अनुमानित रक्षा बजट 13.1 ट्रिलियन रूबल ($145.9 अरब) था, जो उसके GDP का 6.7% है. यह उसके पिछले साल की तुलना में 40% से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्शाता है.

दूसरी ओर, यूरोप ने 2024 में रक्षा बजट के लिए कुल $457 अरब रखे हैं, जो 2014 के मुकाबले 50% ज्यादा और 2023 की तुलना में 11.7% अधिक है. हालांकि, इतने बड़े निवेश के बावजूद यूरोपीय देश रूस की रफ्तार से पीछे हैं. यानी, रूस न सिर्फ तेजी से अपने सैन्य खर्च बढ़ा रहा है, बल्कि पूरी पश्चिमी दुनिया को एक नई चुनौती भी दे रहा है.

4. क्या ज़ेलेंस्की अमेरिका के बिना लड़ाई जारी रख सकते हैं?

संभावना कम लेकिन असंभव नहीं. यूरोपीय देशों से अधिक समर्थन की ज़रूरत होगी. घरेलू हथियार उत्पादन बढ़ाना होगा.
नई रणनीति अपनानी होगी. लेकिन यह साफ है कि अमेरिका के बिना यूक्रेन को रूस के खिलाफ युद्ध जारी रखना बेहद मुश्किल होगा. अगर मदद बंद हुई तो युद्ध की दिशा बदल सकती है और रूस को बढ़त मिलने की संभावना बढ़ सकती है. युद्ध लंबा खिंचने पर यूक्रेन को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. यूरोपीय देश मदद कर सकते हैं, लेकिन अमेरिका जैसी बड़ी और तेज़ आपूर्ति संभव नहीं होगी. रूस पहले से ही सैन्य ताकत और खर्च में यूरोप से आगे निकल चुका है। ऐसे में अगले कुछ महीने यूक्रेन के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं.

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