जिन छात्रों ने किया था तख्तापलट, अब उन्हें आ रही शेख हसीना की याद

शेख हसीना और मोहम्मद यूनुस.

शेख हसीना के पतन के बाद बांग्लादेश ‘गोथम’ बनता जा रहा है. यूनुस सरकार में बांग्लादेश की राजधानी ढाका ‘गोथम सिटी’ बनके उभर रही है, जहां क्राइम, रेप, हत्या अपने चरम पर हैं, लेकिन इस गोथम के पास ‘बैटमैन’ नहीं है, जो इन सब मुसीबत से निजात दिला सके.

मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार में राजधानी में लूटपाट, हमले और बलात्कार की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिसके बाद हसीना का विरोध करने वाले यूवा पूछ रहे हैं ‘यह सब किस लिए था?’ छात्रों के मन में यूनुस सरकार को लेकर सवाल उठने लगे हैं कि ये सरकार हमें वो बांग्लादेश नहीं दे पा रही है, जिसके लिए उन्होंने इतना बड़ा आंदोलन किया था. देश में फैली अराजकता का शिकार वो छात्र भी हो रहे हैं, जो शेख हसीना के तख्तापलट में शामिल थे.

अपराध में डूब रहा देश

कतर के न्यूज अल जजीरा को एक छात्र मेदुल हसन ने बताया कि जब पहली बार उसे लूटा गया तो उसे लगा कि अब वह बुरे दौर से गुज़र रहा है, लेकिन एक हफ्ते फिर से उसे पीटा गया और लूटा गया. हसन ने कहा इस बार पुलिस भी वहां मौजूद थी और वह मूकदर्शक बनी रही और उसने कुछ नहीं किया.

हसन, जिन्होंने पिछले साल छात्रों के नेतृत्व में हुए विद्रोह में हिस्सा लिया था, जिसने लंबे समय से प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाने में मदद की थी, अब आश्चर्य करते हैं कि जिस देश के लिए उन्होंने अपनी जान जोखिम में डाली, वह क्या बन गया है. उन्होंने कहा, “मुझे बदले में यही मिला, देश अपराध में डूब रहा है, किसी को कोई परवाह नहीं है.”

बढ़ रहा क्राइम रेट

हसन की यह पीड़ा कोई अलग मामला नहीं है. बांग्लादेश के 170 मिलियन लोग पिछले कई सालों में सबसे इस अराजकता का सामना कर रहा है. शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद से सड़कों पर खतरा और बढ़ गया है. अकेले जनवरी 2025 में पुलिस ने बांग्लादेश में लूटपाट और डकैती के 242 मामले दर्ज किए, जो पिछले छह सालों में सबसे ज्यादा संख्या है.

जनवरी 2025 में कम से कम 294 हत्याएं दर्ज की गईं, जबकि पिछले साल इसी महीने में 231 हत्याएं दर्ज की गई थी. डकैती की घटनाएं 114 से बढ़कर 171 हो गईं और अपहरण की घटनाएं दोगुनी से भी ज्यादा हो गई हैं. पुलिस के डेटा से पता चलता है कि पिछले साल नवंबर और दिसंबर में लूटपाट, डकैती और अपहरण की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है , जो पिछले पांच सालों से ज़्यादा है.

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