बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को केंद्र और उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर तीखा हमला. उन्होंने केंद्र और यूपी सरकार पर वंचितों के कल्याण के लिए धन का इस्तेमाल करने में फेल रहने का आरोप लगाया है.
गुरुवार को लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए मायावती ने कहा, सरकार आर्थिक नीतियां और कार्यक्रम गरीबों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अन्य मेहनतकश नागरिकों के हित में नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों से केवल बड़े पूंजीपति और धन्नासेठ ही लाभान्वित हो रहे हैं, जबकि गरीबों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है.
‘यूपी में बुनियादी सुविधाओं की है कमी’
मायावती ने कहा, ‘यूपी सरकार का दावा है कि राज्य को देश का ग्रोथ इंजन बनाया जा रहा है, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है.’ उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी है, जिससे गरीबों का जीवन प्रभावित हो रहा है.
उन्होंने मध्य प्रदेश के एक वरिष्ठ मंत्री की उस टिप्पणी की भी निंदा की जिसमें उन्होंने सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को ‘भिखारियों की फौज’ बताया था. मायावती ने कहा कि यह टिप्पणी गरीबों के प्रति सरकार की हीन और संकीर्ण सोच को दर्शाती है.
सरकार को अपनी नीतियों और कार्यक्रमों में बदलाव लाना चाहिए, ताकि गरीबों और दलितों के हित में काम किया जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार को अपने बजट में दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और धार्मिक अल्पसंख्यकों के हित से संबंधित योजनाओं के लिए पर्याप्त धन आवंटित करना चाहिए.
‘हमने अपने कार्यकाल में लागू किए आर्थिक सुधार’
उन्होंने अपनी पार्टी के ट्रैक रिकॉर्ड पर प्रकाश डालते हुए मायावती ने कहा कि बसपा ने उत्तर प्रदेश में सत्ता में अपने चार कार्यकालों के दौरान वास्तविक सामाजिक और आर्थिक सुधार लागू किए हैं.
उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार ने सामाजिक परिवर्तन और आर्थिक सशक्तिकरण लाने के लिए जमीनी स्तर पर काम किया. वर्तमान प्रशासन के विपरीत, हमने ग्रामीण क्षेत्रों में 17 आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के लिए पर्याप्त धनराशि सुनिश्चित की, जिससे लोगों के जीवन में उल्लेखनीय सुधार हुआ.’
उन्होंने अम्बेडकरवादी सिद्धांतों के प्रति बसपा की प्रतिबद्धता की पुष्टि की तथा हाशिए पर पड़े लोगों के अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया.
उत्तर प्रदेश और देश में बिगड़ती सामाजिक आर्थिक स्थितियों पर चिंता व्यक्त करते हुए मायावती ने कहा, ‘हमारी पार्टी बीएसपी की स्थापना उत्पीड़ित और शोषितों को सशक्त बनाने के लक्ष्य के साथ की गई थी. बाबासाहेब डॉ बी आर अंबेडकर के आदर्शों पर चलते हुए, हमने उनके उत्थान के लिए लगातार संघर्ष किया है. मेरे नेतृत्व में, उत्तर प्रदेश में बीएसपी सरकार ने जमीनी स्तर पर सामाजिक परिवर्तन और आर्थिक मुक्ति में ऐतिहासिक सुधारों का प्रदर्शन किया है.’