पाकिस्तान के रक्षा मंत्री की जाएगी कुर्सी? आतंकी हमले के बाद एक्शन में शहबाज शरीफ

पीएम शहबाज शरीफ. (फाइल फोटो)

पाकिस्तान में हाल ही में हुए घातक आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक्शन मोड में आ गए हैं. माना जा रहा है कि वे अपनी कैबिनेट में बड़े फेरबदल की योजना बना रहे हैं, जिसमें रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है. सूत्रों के मुताबिक, शहबाज शरीफ पूर्व खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री परवेज खट्टक को रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंप सकते हैं, जो पहले इमरान खान के मंत्रिमंडल में रक्षा मंत्री रह चुके हैं.

हाल ही में पाकिस्तान सरकार ने अपने कैबिनेट में 21 नए मंत्रियों को शामिल किया है, लेकिन अभी तक उनके मंत्रालयों का औपचारिक रूप से बंटवारा नहीं किया गया है. शहबाज शरीफ ने बुधवार को कुछ नए मंत्रियों के साथ बैठकों की एक श्रृंखला आयोजित की, लेकिन मंत्रालयों के आवंटन पर अंतिम निर्णय अभी लंबित है.

कैबिनेट में हो सकता है बड़ा फेरबदल

पीएमएल-एन सत्तारूढ़ गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी है, प्रमुख मंत्रालयों पर अपना दावा बनाए रखना चाहती है. हालांकि, कुछ मंत्रालयों पर सहयोगी दलों ने भी रुचि दिखाई है. बुधवार को पेट्रोलियम मंत्री मुसादिक मलिक, ऊर्जा मंत्री सरदार ओवैस लघारी, इख्तियार वली और राज्य मंत्री अब्दुल रहमान कंजू व तालाल चौधरी ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की. इसके अलावा प्रधानमंत्री के विशेष सहायक हारून अख्तर भी इस बैठक में शामिल रहे.

रक्षा मंत्रालय पर खींचतान जारी

ख्वाजा आसिफ वर्तमान में रक्षा और रक्षा उत्पादन मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे हैं, लेकिन हालिया आतंकी घटनाओं के मद्देनजर उनकी भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. ऐसी अटकलें हैं कि उन्हें रक्षा उत्पादन मंत्रालय छोड़ना पड़ सकता है और यह मंत्रालय पूर्व रक्षा मंत्री परवेज खट्टक को सौंपा जा सकता है. परवेज खट्टक पूर्व में इमरान खान सरकार में रक्षा मंत्री रह चुके हैं और सैन्य प्रशासन के साथ उनके अच्छे संबंध माने जाते हैं.

रेलवे-संचार मंत्रालय पर भी संशय

पीएमएल-एन के नेता हनीफ अब्बासी के समर्थकों को विश्वास है कि उन्हें रेलवे मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. उनके निर्वाचन क्षेत्र में कई स्थानों पर उन्हें रेलवे मंत्री के रूप में बधाई देने वाले पोस्टर भी लगाए गए हैं. वहीं, आर्थिक मामलों और स्थापना मंत्रालय संभाल रहे अहद चीमा को एक मंत्रालय छोड़ना पड़ सकता है, जिसमें से स्थापना मंत्रालय प्रधानमंत्री के विश्वासपात्र व नए सलाहकार डॉ. तौकीर शाह को मिलने की संभावना है.

आईपीपी-बीएपी की बढ़ती मांगें

इस्तीहकाम पाकिस्तान पार्टी (आईपीपी) के अब्दुल अलीम खान, जो वर्तमान में तीन मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, संचार मंत्रालय अपने पास बनाए रखना चाहते हैं. हालांकि, इस मंत्रालय पर पीएमएल-एन की भी नजर है. वहीं, बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के नेता खालिद मगसी भी इस मंत्रालय को प्राप्त करने की कोशिश में हैं.

आतंकी हमले के बाद सरकार पर दबाव

हाल ही में पाकिस्तान में हुए आतंकी हमले ने सरकार पर भारी दबाव डाल दिया है. विपक्षी दल और जनता सरकार की सुरक्षा नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं. ऐसे में शहबाज शरीफ मंत्रिमंडल में बदलाव कर सुरक्षा प्रशासन को और मजबूत बनाने की कोशिश कर रहे हैं. रक्षा मंत्रालय में फेरबदल इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है.

जल्द होगी आधिकारिक घोषणा

प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट फेरबदल पर जल्द ही आखिरी फैसला लिया जाएगा और इसकी आधिकारिक घोषणा भी की जाएगी. इसके तहत कुछ मंत्रियों को नई जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं, जबकि कुछ मंत्रियों को अपने मौजूदा मंत्रालयों से हाथ धोना पड़ सकता है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि शहबाज शरीफ अपने फैसलों से सत्ता संतुलन को किस तरह बनाए रखते हैं.

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