Holashtak 2025 Daan Importance: हिन्दू धर्म में होली से पहले के 8 दिनों की अवधि को होलाष्टक कहा जाता है, जिसकी 7 मार्च दिन शुक्रवार से शुरुआत हो गई है. होलाष्टक को हिंदू धर्म में अशुभ माना जाता है. इस दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे शादी, मुंडन, गृह प्रवेश आदि नहीं किए जाते हैं. होलाष्टक के दौरान ग्रहों की स्थिति कमजोर हो जाती है, जिससे जीवन में कई तरह की परेशानियां आ सकती हैं. इसलिए, इस दौरान कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है. होलाष्टक के दौरान दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है.
होलाष्टक के दौरान ग्रहों की स्थिति कमजोर हो जाती है, जिससे जीवन में कई तरह की परेशानियां आ सकती हैं. इसलिए राशि के अनुसार, दान करने से ग्रहों की शांति होती है और इन परेशानियों से बचा जा सकता है. होलाष्टक के दौरान नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है. दान करने से नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. लेकिन इसके लिए लोगों को राशि के अनुसार कुछ चीजों का दान करना जरूरी होता है. आइए जानते हैं कि होलाष्टक में राशि के दौरान क्या-क्या दान करें.
होलाष्टक में राशि के अनुसार ये चीजें करें दान
- होलाष्टक के दौरान मेष राशि वाले गुड़, मसूर दाल, लाल वस्त्र, तांबा आदि का करें.
- वृषभ राशि वाले चावल, चीनी, सफेद वस्त्र, चांदी का दान करें.
- मिथुन राशि वाले गरीबों और जरूरतमंदों को हरी सब्जियां, हरा वस्त्र, मूंग दाल, कांसे के बर्तन दान करें.
- कर्क राशि वाले दूध, दही, चावल, मोती, चांदी दान करें.
- सिंह राशि वाले गुड़, गेहूं, तांबा, माणिक, लाल वस्त्र दान करें.
- कन्या राशि वाले हरी सब्जियां, हरा वस्त्र, मूंग दाल, कांसे के बर्तन दान करें.
- तुला राशि वाले चावल, चीनी, सफेद वस्त्र, हीरा दान करें.
- वृश्चिक राशि वाले मसूर दाल, गुड़, लाल वस्त्र, मूंगा दान करें.
- धनु राशि वाले चने की दाल, हल्दी, पीला वस्त्र, सोना आदि दान करें.
- मकर राशि वाले काले तिल, उड़द दाल, काला वस्त्र, लोहा दान करें.
- कुंभ राशि वाले काले तिल, उड़द दाल, नीला वस्त्र, गोमेद रत्न दान करें.
- मीन राशि वाले चने की दाल, हल्दी, पीला वस्त्र, पुखराज का दान करें.
होलाष्टक में दान के नियम
होलाष्टक में दान करते समय लोगों के मन में हमेशा श्रद्धा और भक्ति का भाव होना चाहिए. लेकिन इस बात का ध्यान रखना होगा कि दान हमेशा जरूरतमंदों को ही करना चाहिए. दान करते समय किसी भी प्रकार का अहंकार नहीं करना चाहिए. दान हमेशा गुप्त रूप से करना चाहिए, क्योंकि गुप्त दान करना बहुत ही पुण्य का काम माना जाता है. गुप्त दान करने से कुंडली में ग्रहों की शांति जल्दी होती है. इससे जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं. होलाष्टक के दौरान इन नियमों का पालन करने से ग्रहों की शांति के साथ-साथ जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है.