नई दिल्ली: भारतीय सेना में महिलाओं और पुरुषों के बीच फिजिकल टेस्ट पैरामीटर में क्या गैप कम किया जा सकता है, इसे लेकर सेना में अलग अलग स्तर पर चर्चा चल रही है। कुछ महीने पहले आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा था कि हमें मजबूत महिला अधिकारी चाहिए इसका मतलब है कि हमें काली माता का रूप चाहिए। उन्होंने कहा था कि महिला और पुरुष अधिकारियों के फिजिकल टेस्ट पैरामीटर करीब करीब एक जैसे होने चाहिए लेकिन फिजिकल कंडीशन को देखते हुए कुछ एक्सेप्शन हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक एनडीए (नैशनल डिफेंस अकेडमी) में हाल ही में एक मेडिकल स्टडी की गई। जिसमें कहा गया कि लड़कियों को केयरफुल ग्रूमिंग की जरूरत है।सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एनडीए में लड़कियों की एंट्री हुई और जून 2022 में एनडीए में लड़कियों का पहला बैच पहुंचा। उसके बाद से हर छह महीने में 19-20 लड़कियां एनडीए का हिस्सा बन रही हैं। सूत्रों के मुताबिक एनडीए में पहले लड़कियों की अलग स्क्वॉड्र्न बनाई गई थी। लेकिन इसी साल जनवरी में उन्हें मेल कैडेट्स के साथ ही अलग अलग स्क्वॉड्रन में बांटा गया है। अब सभी स्क्वॉड्रन में मेल कैडेट्स के साथ लड़कियां भी हैं।

स्टडी में कहा गया है कि लड़कियों और लड़कों की सारी एक्सरसाइज एक जैसी होती हैं। एनडीए में अलग अलग स्क्वॉड्रन के बीच जो कैंप कॉम्पिटीशन होता है उसमें भी लड़कियां अपने स्क्वॉड्रन में लड़कों के साथ जाती हैं और अपना हर टास्क पूरा कर रही हैं। अभी तक कैंप में भी लड़कियों का ड्रॉप आउट नहीं हुआ है। क्रॉस कंट्री में भी लड़कियां लड़कों की तरह ही परफॉर्म कर रही हैं। हालांकि मेडिकल स्टडी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है के लड़कियों और लड़कों के टेस्ट पैरामीटर कॉमन नहीं हो सकते।

लड़कियों में स्ट्रेस फ्रैक्चर के मामले ज्यादा

इसमें कहा गया है कि लड़कों में 16 से 19 साल के बीच ग्रोथ रूक जाती है लेकिन लड़कियों में 19 साल की उम्र के बाद भी ग्रोथ होती है इसलिए उन्हें हार्ड ड्रिल नहीं कराई जा रही। यह देखा गया कि लड़कियों में स्ट्रेस फ्रैक्चर के मामले ज्यादा हो रहे हैं। इसलिए रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें केयरफुल ग्रूमिंग की जरूरत है। सूत्रों के मुताबिक एनडीए में अभी लड़कियां वॉलीबॉल और बास्केटबॉल ये दो गेम ही खेलती हैं और लड़कियों की अलग टीम बनी है।

ओटीए में अभी अलग हैं पैरामीटर

ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकेडमी (ओटीए) में शारीरिक क्षमता का पैमाना देखें तो यह पुरुष कैडेट और महिला कैडेट के लिए अलग रखा गया है। अति उत्कृष्ट की कटैगरी में आने के लिए पुरुष कैडेट को 2.4 किलोमीटर की दौड़ 9 मिनट में पूरी करनी होती है वहीं महिला कैडेट के लिए यह टाइम 11 मिनट का है। बीपीईटी (बैटल फिजिकल इफिसिएंसी टेस्ट) में करीब 4.5 किलो वजन के साथ 5 किलोमीटर की दौड़ पुरुष कैडेट को 24.30 मिनट में और महिला कैडेट को 30 मिनट पूरी करनी होती है। 20 किलोमीटर का स्पीड मार्च पूरा करने के लिए पुरुष कैडेट को तीन घंटे 15 मिनट का वक्त दिया जाता है और महिला कैडेट को अतिरिक्त 42 मिनट मिलते हैं। पुरुष कैडेट को 10 चिनअप्स करने होते हैं। महिला कैडेट को इसकी जगह पर 20 पुशअप्स करने होते हैं।

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