योगी ने आगे कहा कि बहुत सारे मुस्लिम धर्म गुरुओं ने भी लोगों से अपील की कि हम लोग इसको मानेंगे, क्योंकि होली साल में एक बार पड़ती है और जुमे की नमाज हर सप्ताह पड़नी है। नमाज स्थगित भी हो सकती है, कोई बाध्यकारी तो है नहीं कि होना ही होना है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति पढ़ना ही चाहता है, तो अपने घर में पढ़ सकता है, जरूरी नहीं कि वह व्यक्ति मस्जिद में ही जाए। अगर जाना ही है, तो फिर रंग से परहेज न करें। अगर रंग से परहेज है तो अच्छा होगा घर में रहे। पुलिस अधिकारी ने भी यही बात समझायी है। हमारा जो वह पुलिस अधिकारी है, वह पहलवान रहा है। अर्जुन अवार्डी भी रह चुका है। पूर्व ओलंपियन भी है। पहलवान है, तो पहलवान की तरह ही बोलेगा। इसमें कुछ लोगों को थोड़ा बुरा लग सकता है, लेकिन सच है और उस सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए।
सीओ अनुज चौधरी ने क्या कहा था
संभल के CO अनुज चौधरी ने होली और जुम्मे की नमाज़ को लेकर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पीस कमेटी के साथ बैठक की थी। उन्होंने दोनों समुदायों से त्योहारों के दौरान शांति बनाए रखने की अपील की थी। चौधरी ने यह भी स्पष्ट किया कि होली पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहेंगे और किसी भी तरह की गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
होली और जुम्मे की नमाज़ एक ही दिन होने की वजह से CO ने दोनों समुदायों से संयम बरतने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि होली साल में एक बार आती है, जबकि जुम्मा साल में 52 बार आता। जिन लोगों को होली के रंगों से परहेज है, वे उस दिन घर से न निकलें। वे चाहें तो अपने घर या मोहल्ले की मस्जिद में नमाज़ अदा कर सकते हैं। इससे शांति व्यवस्था बनी रहेगी।
CO ने यह भी कहा कि होली पर घर से निकलने वालों को बड़ा दिल रखना चाहिए। मुसलमान ईद का इंतज़ार करते हैं, उसी तरह हिन्दू होली का। होली रंग लगाकर, मिठाई खिलाकर, “बुरा न मानो होली है” कहकर मनाई जाती है।