भारतीय टीम ने धांसू प्रदर्शन करते हुए ICC चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 अपने नाम कर लिया. रविवार (10 मार्च) को दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए फाइनल में भारत ने न्यूजीलैंड को 4 विकेट से शिकस्त दी. रोहित ब्रिगेड इस टूर्नामेंट में अजेय रही और उसने अपने पांचों मैच जीते. भारतीय टीम ने तीसरी बार चैम्पियंस ट्रॉफी अपने नाम की. सबसे पहले भारत 2002 के सीजन में सौरव गांगुली की कप्तानी में श्रीलंका संग संयुक्त विजेता रहा था. फिर 2013 में महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में भारतीय टीम ने खिताबी जीत हासिल की.

चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन दमदार रहा. खिलाड़ियों ने बड़े मुकाबलों में अपने गेम का स्टैंडर्ड हाई किया. जैसे विराट कोहली ने पाकिस्तान और फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में शानदार पारी खेली. जबकि रोहित शर्मा ने खिताबी मुकाबले में बेहतरीन खेल दिखाया. गेंदबाजी भी टीम इंडिया की शानदार रही. इन सबके बीच टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर के योगदान को भी नकारा नहीं जा सकता. इस जीत के असली स्क्रिप्ट राइटर तो गुरु गौती ही रहे.

गौतम गंभीर ने लगभग 8 महीने पहले हेड कोच का पद संभाला था. गंभीर टी20 वर्ल्ड कप 2024 के बाद टीम इंडिया के हेड कोच बने थे. तब उन्होंने राहुल द्रविड़ की जगह ली थी. बतौर हेड कोच गंभीर की पहली वनडे सीरीज श्रीलंका में थी, जहां भारत को अप्रत्याशित रूप से 0-2 से हार का सामना करना पडा था. तब 27 साल बाद भारतीय टीम ने श्रीलंका के खिलाफ कोई द्विपक्षीय वनडे सीरीज गंवाई.

उस हार के बाद गौतम गंभीर आलोचकों के निशाने पर आ गए थे. फिर न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने घर पर टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम 0-3 से हार गई. जबकि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में मिली हार के चलते भारतीय टीम वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के मौजूदा चक्र के फाइनल में भी नहीं पहुंची. इसके बाद ये कहा जाने लगा कि यदि चैम्पियंस ट्रॉफी में गंभीर के अंडर भारतीय टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है तो उनपर बोर्ड एक्शन भी ले सकता है.

हालांकि गौतम गंभीर आलोचनाओं को सहते रहे और उन्होंने अपने इंटेट में कोई बदलाव किया. हाल ही में जब कप्तान रोहित शर्मा की फॉर्म पर एक जर्नलिस्ट ने गौतम गंभीर से सवाल पूछा था तो उन्होंने कहा था कि आप लोग सिर्फ नंबर देखते हैं, लेकिन एक कोच के तौर पर हम नंबर नहीं, इंटेंट देखते हैं. गंभीर ने अपने कोचिंग कार्यकाल में खासकर वनडे क्रिकेट में कुछ ऐसे एक्सपेरिमेंट्स किए, जिसने 8 महीने में चैम्पियन टीम तैयार कर ली.

1. अक्षर को नंबर-5 पर भेजना: एक साल पहले कोई सोच भी नहीं सकता था कि अक्षर पटेल वनडे क्रिकेट में नंबर-5 पर बैटिंग करते दिखेंगे. लेकिन गौतम गंभीर का ये दांव कामयाब रहा. अक्षर पटेल इंग्लैंड के खिलाफ हालिया वनडे सीरीज के शुरुआती दो मैचों में पांचवें नंबर पर खेलने उतरे, जहां उन्होंने 52 और 41* के स्कोर बनाए. फिर क्या था… गंभीर ने चैम्पियंस ट्रॉफी में भी अक्षर से इसी पोजीशन पर बैटिंग करवाई. अक्षर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ ग्रुप मैच और फाइनल के अलावा कंगारू टीम के खिलाफ अंतिम-चार मुकाबले में भी बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया.

2. वरुण का सेलेक्शन: गौतम गंभीर के कोच बनने के बाद मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती की टीम इंड‍िया में करीब 3 साल बाद अक्टूबर 2024 में वापसी हुई. वरुण ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा. जब यशस्वी जायसवाल के स्थान पर चैम्पियंस ट्रॉफी टीम में वरुण की एंट्री हुई तो फैन्स चौंक गए थे. लेकिन गंभीर का ये फैसला ‘मास्टर स्ट्रोक’ साबित हुआ. वरुण न्यूजीलैंड के खिलाफ ग्रुप मुकाबले में पांच विकेट लेकर गुरु गौती के भरोसे पर खरे उतरे. फिर सेमीफाइनल और खिताबी मैच में भी वरुण ने भारतीय टीम को कामयाबियां दिलाईं.

Varun

3. स्पिन चौकड़ी: आईसीसी चैम्प‍ियंस ट्रॉफी 2025 के ल‍िए भारतीय टीम का सेलेक्शन जब हुआ तो सबसे ज्यादा चर्चा टीम इंड‍िया के स्प‍िन अटैक को लेकर हुई. टूर्नामेंट के लिए भारतीय स्क्वॉड में 5 स्पिनर अक्षर पटेल, रवींद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर, कुलदीप यादव और वरुण चक्रवर्ती को शामिल किया गया. अब गंभीर का ये फैसला सही साबित हुआ. यानी टीम इंड‍िया की स्प‍िन चौकड़ी (जडेजा, अक्षर, वरुण और कुलदीप) दुबई की प‍िच पर हिट रही. इन चारों स्पिनर्स ने फाइनल में भी विपक्षी बल्लेबाजों की नाक में दम करके रखा.

4. केएल राहुल पर भरोसा: इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में विकेटकीपर बल्लेबाज केएल राहुल ने तीन मैचों में सिर्फ 52 रन बनाए थे, जिसके बाद ऋषभ पंत को प्लेइंग-11 में शामिल करने की मांग होने लगी. हालांकि कप्तान रोहित और गंभीर का भरोसा केएल राहुल पर कायम रहा. राहुल चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 में भारत की खिताबी जीत के अनसंग हीरो रहे. राहुल ने सेमीफाइनल और फाइनल में दबाव की परिस्थितियों में जैसी बल्लेबाजी की, वो सराहनीय है. राहुल ने आलोचकों को भी जवाब दिया है, जो उनके टीम में रहने पर सवाल उठा रहे थे.

5. नंबर-8 तक बैटिंग: भारतीय टीम का बैटिंग ऑर्डर चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 में काफी मजबूत दिखा. इसका कारण था नंबर आठ पोजीशन तक टीम के पास अच्छे बल्लेबाज थे. यानी शुरुआती या मिडिल ओवर्स में कुछ विकेट गिर भी जाएं, तो ज्यादा टेंशन की बात नहीं थी. कप्तान रोहित और हेड कोच गंभीर का मानना रहा है कि टीम को ऐसे गेंदबाज की जरूरत है जो नंबर 8 या 9 पर बैटिंग भी कर सके. टीम मैनेजमेंट का ये 8 बैटर्स वाला दांव कामयाब रहा.

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *