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Tamil Nadu Budget Logo Controversy: तमिलनाडु सरकार ने बजट के लिए ₹ की जगह तमिल अक्षर ரூ का उपयोग किया है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का कहना है कि यह तमिलनाडु की पहचान से जुड़ा है, जबकि बीजेपी इसे देश तोड़ने वाली…और पढ़ें

₹ vs ரூ तमिलनाडु से बाहर कौन समझेगा,अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे स्टालिन

तमिलनाडु सरकार ने रुपये का सिंबल बदलने का इरादा द‍िखाया है.

हाइलाइट्स

  • तमिलनाडु बजट में ₹ की जगह ரூ का उपयोग किया गया.
  • बीजेपी ने इसे देश तोड़ने वाली बात कहा. असर भी जान लें.
  • इससे लेन-देन और अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा.

तमिलनाडु की डीएमके सरकार ने बजट के लिए गुरुवार को जो ‘लोगो’ जारी किया, उसमें भारतीय रुपये के प्रतीक चिह्न ₹ की जगह एक तमिल अक्षर ரூ का उपयोग किया गया है. यह तमिल शब्द ‘रुबय’ का पहला अक्षर है. तमिल भाषा में भारतीय मुद्रा को ‘रुबय’ बोला जाता है. मुख्‍यमंत्री एमके स्‍टाल‍िन का कहना है क‍ि यह तमिलनाडु की पहचान से जुड़ा हुआ है. जबक‍ि बीजेपी इसे देश तोड़ने वाली बात कह रही है. कहीं ऐसा तो नहीं तो सिर्फ जिद के चक्‍कर में स्‍टाल‍िन अपने ही पैरों पर कुल्‍हाड़ी मार गए?

आइए समझते हैं क‍ि क्‍या हो सकता है इस बदलाव का असर?

1. पैसे के लेन-देन पर असर
₹ का निशान भारत के पैसों की पहचान है, जिसे भारत सरकार और रिजर्व बैंक मानते हैं. अगर तमिलनाडु अपना अलग निशान (जैसे “ரூ”) चलाता है, तो इससे पूरे देश में एक जैसी पैसे की पहचान नहीं रहेगी और एकता कमजोर होगी. देश और विदेश में लोगों को लगेगा कि तमिलनाडु के पैसे भारत से अलग हैं, जिससे लेन-देन में दिक्कत होगी. बैंक, टैक्स, सरकारी कामकाज, शेयर बाजार और विदेशी निवेश में बहुत परेशानी होगी.

2. अर्थव्यवस्था पर असर
तमिलनाडु की अर्थव्यवस्था बहुत बड़ी है और भारत की कुल कमाई में इसका बड़ा हिस्सा है. अगर तमिलनाडु अपनी रिपोर्ट, बजट और सरकारी कागजों में ₹ की जगह “ரூ” या “Rs.” लिखेगा, तो दूसरे राज्यों के साथ व्यापार में मुश्किल होगी. निवेशक और विदेशी कंपनियां सोचेंगी कि यहां की आर्थिक नीतियां बदल रही हैं, जिससे निवेश कम हो सकता है. जीएसटी, टैक्स, बैंकिंग और शेयर बाजार पर भी बुरा असर पड़ेगा.

3. राजनीति और संविधान पर क्‍या असर
भारत का संविधान कहता है कि पैसे, सिक्के और नोट छापने और उनकी पहचान तय करने का हक सिर्फ़ केंद्र सरकार के पास है. अगर तमिलनाडु अपना अलग निशान चलाता है, तो यह संविधान के खिलाफ होगा. इससे केंद्र और राज्य सरकार के बीच झगड़ा बढ़ सकता है. अन्य राज्य भी अपनी अलग पहचान की माँग कर सकते हैं, जिससे देश की एकता को खतरा होगा.

4. सोसाइटी और कल्‍चर पर असर
इससे तमिल भाषा और संस्कृति को बढ़ावा जरूर मिलेगा, लेकिन देश की एकता कमजोर पड़ सकती है. अन्य राज्य भी अपनी भाषा में पैसे का निशान मांग सकते हैं, जैसे बंगाल, केरल, पंजाब.

5. तकनीकी दि‍क्‍कतें
बैंक के सॉफ्टवेयर, सरकारी फॉर्म, ऑनलाइन लेन-देन, जीएसटी पोर्टल, इन सबमें बदलाव करने पड़ेंगे. इससे बहुत सारी तकनीकी दिक्कतें आएंगी, खर्च बढ़ेगा और कामों में देरी होगी. सीधी भाषा में कहें तो व्यापार, निवेश और बैंकिंग में गड़बड़ी और अस्थिरता पैदा होगी. देश की मुद्रा की एक जैसी पहचान खतरे में पड़ेगी. केंद्र-राज्य विवाद होंगे और इससे संविधान का उल्लंघन भी होगा.

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₹ vs ரூ तमिलनाडु से बाहर कौन समझेगा,अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे स्टालिन

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