India Pakistan News: पाकिस्तान से भारत में ड्रोन के माध्यम से ड्रग्स, हथियार, गोला-बारूद और अन्य प्रतिबंधित चीजों की तस्करी भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के लिए चुनौती बना हुआ है. बीएसएफ ने जितने भी ड्रोनों को पकड़ा है उससे पता चलता है कि ये सभी चीन में हुए बने हुए पाए गए. इसमें से अधिकांश ड्रोन पाकिस्तान के लाहौर जिले से आया था और पंजाब के अमृतसर की ओर जा रहा था. पिछले कुछ सालों में जमीन के रास्ते तस्करी करीब-करीब खत्म हो चुकी है, इस वजह से अब हथियारों और ड्रग्स की ज्यादातर तस्करी ड्रोन के जरीए होने लगी है.
पाकिस्तान के इन शहरों से भेजे जा रहे ड्रोन
बीएसएफ ने जनवरी 2025 में 63 ड्रोन पकड़े थे. साल 2024 में बीएसएफ ने 260 ड्रोन बरामद किए थे और उन्हें जांच के लिए भेजा गया. यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बीएसएफ के अधिकारी ने बताया, “ड्रोन से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य पंजाब और राजस्थान हैं. पंजाब में अमृतसर, गुरदासपुर, फिरोजपुर, अबोहर और राजस्थान में गंगानगर सबसे ज्यादा प्रभावित है.” उन्होंने बताया कि पाकिस्तान का लाहौर, नारोवाल और कसूर जिला लॉन्च पैड है.
साल 2024 में बीएसएफ की ओर से गिराए गए ड्रोन की जांच से पता चलता है कि अमृतसर, गुरदासपुर और फिरोजपुर सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में खेप गिराने के लिए 260 ड्रोनों ने उड़ानें भरी थी. जांच में यह भी पता चला है कि ये इस ड्रोन के लॉन्च पैड पाकिस्तानी रेंजर्स के ठिकानों के पास थे. अधिकारी ने कहा, “ड्रोन की रेंज लंबी नहीं है और वे अंतरराष्ट्रीय सीमा के आस-पास के इलाकों से आए थे. कुछ ड्रोन ने खेप गिराने के लिए कई बार चक्कर लगाया.”
आसानी से ट्रैक नहीं हो पाते ये ड्रोन
बीते कुछ सालों में पंजाब में ड्रग्स, हथियार और गोला-बारूद की तस्करी करने वाला ड्रोन एक बड़े सुरक्षा खतरा के रूप में उभरा है. साल 2023 बीएसएफ ने 110 ड्रोन बरामद किए, जबकि 2024 में 260 ड्रोन बरामद किया, जो 136.36 फीसदी बढ़ोतरी है. सुरक्षाबलों ने पंजाब में पाए गए 55 फीसदी ड्रोन को निष्क्रिय कर दिया है. पाकिस्तान की ओर से भेजे जा रहे ड्रोनों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ-साथ उनका आकार भी छोटा हो गया है. ये ड्रोन एक किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ते हैं और आसानी से पकड़ में आता है.
चीन में बना ड्रोन आ रहा भारत
अधिकारी ने बताया, “पहले के ड्रोन 3-4 किलोग्राम की पेलोड क्षमता के साथ उड़ाए जाते थे. उससे आवाजें भी आती है और उसे आसानी से देखा जा सकता था, लेकिन अब जो ड्रोन सीमा पार से आ रहा है उसमें से बिल्कुल भी आवाज नहीं निकलती है. इसमें से अधिकांश ड्रोन चीन निर्मित हैं. सीमा पर संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी और पीटीजेड (पैन-टिल्ट-जूम) कैमरे लगाए जा रहे हैं.”
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