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Tejas MK-2 vs JF-17: मॉडर्न टाइम में वॉरफेयर के तौर-तरीके बदल चुके हैं. मिलिट्री की जगह अब एयरफोर्स और नेवी की भूमिका काफी अहम है. टारगेट को खत्म करने में एयरफोर्स को रोल काफी बढ़ चुका है, ऐसे में दुनिया के तम…और पढ़ें

तेजस MK-2 vs JF-17 फाइटर जेट में कौन सबसे ज्यादा ताकतवर.
हाइलाइट्स
- तेजस MK-2 में अल्ट्रा मॉडर्न टेक्नोलॉजी
- ध्वनि की गति से भी तेज है इसकी रफ्तार
- चीन का JF-17 जेट कितना पावरफुल
नई दिल्ली. भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य प्रतिस्पर्धा का एक अहम पहलू एयरफोर्स की ताकत है. दोनों देशों के पास अपने लड़ाकू विमान हैं, लेकिन सवाल यह है कि कौन किस पर भारी पड़ता है? भारत का स्वदेशी तेजस MK-2 और पाकिस्तान का JF-17 दोनों ही चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमान हैं. इसके बावजूद तकनीक, हथियार प्रणाली और मारक क्षमता के मामले में इन दोनों में बड़ा अंतर है. आइए जानते हैं कि किस फाइटर जेट में कितनी ताकत है और कौन युद्ध के मैदान में बाजी मार सकता है.
तेजस MK-2: भारत की नई ताकत
तेजस MK-2 भारत में विकसित एक मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने डिजाइन किया है. यह तेजस MK-1 का उन्नत संस्करण है और इसमें कई महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं.
क्या है खास
इंजन: तेजस MK-2 में GE F414 टर्बोफैन इंजन लगा है, जो इसे अधिक स्पीड और पावर देता है.
स्पीड: लगभग 2,222 किमी/घंटा (1.8 मैक यानी आवाज की गति से 1.8 गुना तेज)
रेंज: 3500 किलोमीटर
हथियार: तेजस MK-2 में Meteor और Astra जैसी एयर-टू-एयर मिसाइलें, हवा से जमीन पर मार करने वाली SPICE-2000, BrahMos-NG जैसी मिसाइलें शामिल हैं.
एवियोनिक्स और रडार: यह AESA (Active Electronically Scanned Array) रडार से लैस है, जो दुश्मन को जल्दी ट्रैक और लॉक कर सकता है.
दुश्मनों के लिए काल: बेहतर स्टील्थ तकनीक और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम से लैस, जो दुश्मन के रडार से बचने में सक्षम है.
JF-17: पाकिस्तान और चीन का ज्वाइंट प्रोजेक्ट
JF-17 थंडर पाकिस्तान और चीन का ज्वाइंट प्रोजेक्ट है. इसे चेंगदू एयरोस्पेस कॉरपोरेशन और पाकिस्तान एयरोनॉटिकल कॉम्प्लेक्स ने विकसित किया है. पाकिस्तान इसे अपनी वायुसेना की रीढ़ मानता है, लेकिन इसके कई सीमित पहलू हैं.
क्यों है खास
इंजन: रूसी RD-93 इंजन (कम विश्वसनीयता के कारण आलोचना झेलता है)
स्पीड: लगभग 1,960 किमी/घंटा (1.6 मैक यानी ध्वनि की रफ्तार से 1.6 गुना ज्यादा)
रेंज: 2,000 किलोमीटर
हथियार: SD-10, PL-5 जैसी चीन निर्मित मिसाइलें, जो गुणवत्ता में पश्चिमी मिसाइलों से कमजोर मानी जाती हैं.
एवियोनिक्स और रडार: चाइनीज KLJ-7A रडार, जो AESA तकनीक की तुलना में कम उन्नत है.
पुराना सिस्अम: स्टील्थ क्षमता सीमित और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम पुराना.
कौन किस पर भारी?
इंजन और स्पीड: तेजस MK-2 का इंजन अधिक विश्वसनीय और ताकतवर है, जिससे यह JF-17 से अधिक गति और पावर जनरेट कर सकता है.
हथियार: तेजस MK-2 के पास Meteor और Astra जैसी आधुनिक मिसाइलें हैं, जबकि JF-17 के हथियारों की विश्वसनीयता कम है.
रडार और एवियोनिक्स: तेजस MK-2 का AESA रडार अधिक उन्नत है, जो JF-17 के पुराने सिस्टम पर भारी पड़ता है.
निर्माण गुणवत्ता: तेजस MK-2 भारत में बना एक स्वदेशी विमान है, जबकि JF-17 चीन से मंगाए गए घटिया पुर्जों पर निर्भर है.
New Delhi,Delhi
March 17, 2025, 05:00 IST
तेजस MK-2 vs JF-17: भारत का स्वदेशी फाइटर है पाकिस्तान के चीनी कबाड़ पर भारी