बलूचिस्तान में क्वेटा शहर के पास पाकिस्तान के सीनियर जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के नेता मुफ्ती अब्दुल बकी नूरजई की हत्या कर दी गई है. जब वह क्वेटा हवाईअड्डे के पास था तभी किसी अज्ञात हमलावरों ने उसपर गोलियां बरसा दी, जिसके चलते वह गंभीर रूप से घायल हो गया. बताया जा रहा है कि उसे तुरंत पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. अब इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट पाकिस्तान प्रांत (ISPP) ने ली है.
अधिकारियों ने अभी तक हमलावरों की पहचान नहीं की है और न ही हत्या के पीछे के मकसद का पता लगाया है. नूरजई की हत्या पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हाल के वर्षों में हो रही टारगेट किलिंग की घटनाओं में एक और घटना है. पिछले तीन वर्षों में, अज्ञात हमलावरों द्वारा लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, और हिजबुल मुजाहिदीन के एक दर्जन से ज्यादा संचालकों की हत्या की जा चुकी है.
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आतंकियों के दर्जनों संचालकों की हत्या
यह हमला वरिष्ठ देवबंदी नेताओं, जमात-उद-दावा के पदाधिकारियों मुफ़्ती शाह मीर और हमीदुल हक की हत्या के बाद हुआ है. मीर की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जबकि हक और एक दर्जन अन्य लोग दारुल उलूम हक्कानिया उर्फ ’यूनिवर्सिटी ऑफ जिहाद’ में आत्मघाती बम विस्फोट में मारा गया था.
हाल ही में लश्कर-ए-तैयबा के एक प्रमुख कमांडर, जिया-उर-रहमान की हत्या भी कर दी गई है, जिसे पंजाब प्रांत के झेलम में गोली मारी गई थी. रहमान लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी सहयोगी था. वह जम्मू और कश्मीर में कई आतंकी हमलों के लिए वांटेड था.
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जनवरी में डांगरी गोलीबारी की रची थी साजिश
जनवरी 2023 को आतंकवादियों ने डांगरी में गोलाबारी की थी जिसमें पांच लोग मारे गए थे. अगले दिन, विस्फोटक डिवाइस के फटने से दो और लोग मारे गए और 14 घायल हुए थे. रहमान पर 9 जून 2024 को शिव खोड़ी मंदिर की यात्रा कर रहे श्रद्धालुओं की बस पर हमले की योजना बनाने का भी आरोप है, जिसमें 9 लोगों की मृत्यु हो गई थी और 41 अन्य घायल हुए थे.