गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाना क्षेत्र में एक दुखद घटना सामने आई है, जहां केंद्रीय विद्यालय (केवीएस) दल्लूपुरा, दिल्ली में कार्यरत शिक्षिका अन्विता शर्मा ने अपने ससुराल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और मामले की जांच शुरू की.

जानकारी के मुताबिक अन्विता की शादी 8 दिसंबर 2019 को गौरव कौशिक से हुई थी, जो मैक्स अस्पताल में डॉक्टर हैं. शादी में अन्विता के पिता अनिल शर्मा ने 26 लाख रुपये खर्च किए थे और स्विफ्ट डिजायर कार भी दहेज में दी थी. इसके बावजूद ससुराल पक्ष लगातार दहेज की मांग कर रहा था और मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था.

आर्थिक रूप से स्वतंत्र होकर भी मजबूर थी अन्विता

अन्विता एक सरकारी शिक्षिका होने के बावजूद आर्थिक रूप से स्वतंत्र नहीं थी, क्योंकि उसका वेतन, एटीएम और चेकबुक ससुरालवालों के कब्जे में रहते थे. जब उसने पैसे वापस मांगने की कोशिश की, तो उसके साथ मारपीट और गाली-गलौच की गई.

पीड़ित परिवार के मुताबिक 16 मार्च 2025 को गौरव, उसके पिता सुरेंद्र और मां मंजू शर्मा ने अन्विता को बुरी तरह प्रताड़ित किया. इससे आहत होकर उसने एक सुसाइड नोट लिखा और फांसी लगा ली. दोपहर करीब 1:30 बजे उसे गंभीर हालत में वसुंधरा स्थित Le-Crest अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

पीड़ित पिता की तहरीर पर पुलिस ने दर्ज किया केस

अन्विता के पिता की तहरीर पर पुलिस ने पति गौरव कौशिक, ससुर सुरेंद्र शर्मा और सास मंजू शर्मा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 85, 115(2), 352, 80(2) और दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धाराओं 3 और 4 के तहत मामला दर्ज किया. पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पति और ससुर को गिरफ्तार कर लिया, जबकि सास मंजू शर्मा से पूछताछ जारी है.

पुलिस ने पति और ससुर को गिरफ्तार किया

इस घटना ने एक बार फिर दहेज प्रथा और महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा की गंभीरता को उजागर किया है. अन्विता के परिवार ने न्याय की मांग की है और कहा है कि इस तरह के मामलों में सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि कोई और बेटी इस तरह की त्रासदी का शिकार न बने.

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