दुनियाभर में ट्रेड वॉर को लेकर चर्चाएं तेज हैं. लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था पर इसका असर सीमित रहने की उम्मीद जताई जा रही है. इस हफ्ते तीन प्रमुख रेटिंग एजेंसियों, एसएंडपी ग्लोबल, फिच रेटिंग्स और मूडीज (Moody’s Rating) ने भारत की विकास दर को लेकर भरोसा बनाए रखने का अनुमान फिर से दोहराया है. इनका कहना है कि अमेरिकी टैरिफ से भारत को बहुत कम नुकसान होगा. वहीं, इस साल और अगले साल के साथ ही 2026-27 के लिए भी भारत की जीडीपी ग्रोथ तेज रहने की उम्मीद जताई गई है.
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने 2024-25 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.7% रहने का अनुमान लगाते हुए कहा है कि भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे तेज़ बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था रहेगा और अमेरिका पर कम निर्भरता के असर से टैरिफ का प्रभाव सीमित रहेगा.
S&P का भरोसा बरकरार
इन हालातों में देश में मौजूद कंपनियों को भी इस स्थिति का फायदा मिलने की संभावना है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय कंपनियों की आमदनी पर वैश्विक हालातों का हल्का असर पड़ सकता है. लेकिन बीते कुछ साल में जिस तरह से भारतीय कंपनियों ने ऑपरेशनल स्तर पर सुधार करके वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाया है, उसके चलते वो इस दबाव को सहन करने में सक्षम हैं.
एसएंडपी के मुताबिक बढ़ती अर्थव्यवस्था, उपभोक्ता खर्च में बढ़ोतरी और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर भी कंपनियों को मजबूत बनाएगा. एसएंडपी की रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय कंपनियां मजबूत ग्रोथ और क्रेडिट क्वालिटी की वजह से सुरक्षित हैं और ज्यादातर कंपनियां बढ़ती लिक्विडिटी के चलते ऑनशोर फंडिंग पर फोकस करेंगी. IT सर्विसेज, केमिकल और ऑटो सेक्टर अमेरिकी बाजारों पर सबसे ज्यादा निर्भर हैं. लेकिन सर्विसेज पर टैरिफ का असर ना होने की बात भी इसमें कही गई है.
फिच ने कहा- ‘ब्राइट है फ्यूचर’!
फिच रेटिंग्स ने भी 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.5% रहने का अनुमान लगाया है. हालांकि, अमेरिका की आक्रामक ट्रेड पॉलिसी को लेकर जोखिम बना हुआ है. लेकिन भारत की बाहरी मांग पर कम निर्भरता के चलते इसके सुरक्षित रहने का अनुमान लगाया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बजट में टैक्स फ्री इनकम अलाउंसेस और रिवाइज्ड टैक्स स्लैब से ग्राहकों के खर्च में इजाफा होगा.
रेटिंग एजेंसी ने 2026-27 के लिए ग्रोथ अनुमान 6.3% तक बढ़ाया है. रिपोर्ट के मुताबिक, कारोबारी भरोसा मजबूत बना हुआ है और बैंक लेंडिंग में लगातार डबल डिजिट ग्रोथ हो रही है. रिपोर्ट में आने वाले महीनों में महंगाई दर में गिरावट की उम्मीद जताई गई है. इसमें कहा गया है कि 2025-26 और 2026-27 में कैपेक्स में तेजी रहेगी और महंगाई दर 2025 के आखिर तक 4% तक आ सकती है जिसकी वजह से पॉलिसी रेट में दो बार और कटौती की संभावना है.
OECD ने जताया तेज ग्रोथ अनुमान
दूसरी तरफ ग्लोबल आर्थिक संगठन OECD ने चेतावनी दी है कि अमेरिका की संरक्षणवादी नीतियों से व्यापार युद्ध बढ़ सकता है. रिपोर्ट में कहा गया कि 2025 में वैश्विक जीडीपी ग्रोथ 3.1% तक सीमित रह सकती है, जो पहले 3.3% रहने का अनुमान था. इसमें अमेरिका की ग्रोथ रेट घटकर 2.2% रहने की संभावना जताई गई है और चीन में 2025 में 4.8% और 2026 में 4.4% ग्रोथ की उम्मीद है.
हालांकि, भारत पर इसका असर सीमित रहने की बात कहते हुए मौजूदा कारोबारी साल में 6.4% और 2025-26 में 6.6% ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया गया है. लेकिन रिपोर्ट में ये भी साफ किया गया है कि वैश्विक व्यापार युद्ध की स्थिति बनने पर भारतीय अर्थव्यवस्था भी इससे पूरी तरह बेसअर नहीं रहेगी. OECD का कहना है कि भारत फिलहाल अपने मजबूत घरेलू बाजार और नीति समर्थन के चलते बेहतर स्थिति में है.