पांच दिनों की कोशिशों के बाद भी कानपुर के नानामऊ घाट पर गंगा नदी में डूबे स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आदित्य वर्धन सिंह का का कोई सुराग नहीं मिला है. एनडीआरफ और एसडीआरएफ की टीमें वापस लौट चुकी हैं, जबकि अब सिर्फ पीएससी की मोटर बोट गंगा में गश्त कर रही हैं.
घटना उस समय की है जब आदित्य वर्धन सिंह अपने दोस्तों योगेश मिश्रा और प्रदीप तिवारी के साथ नहाने के लिए नानामऊ घाट पर गए थे. एक तस्वीर सामने आई है जिसमें आदित्य अपने दोस्त योगेश के साथ नहा रहे हैं, जबकि प्रदीप तिवारी बाहर से फोटो खींच रहे हैं.
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फोन लेने गाड़ी में गए तब तक डूब गया दोस्त
तस्वीर खिंचवाने के बाद आदित्य ने अपने दोस्त प्रदीप से कहा कि उनका फोन गाड़ी में रखा है, उसे लेकर आए और अच्छी तस्वीरें लें. प्रदीप फोन लेने चले गए. इस बीच, अच्छी फोटो खिंचवाने की कोशिश में आदित्य गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे. योगेश और प्रदीप ने किनारे खड़े गोताखोरों से मदद मांगी, लेकिन गोताखोरों ने पहले 10 हजार रुपये की मांग की.
प्रदीप ने पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर किए, लेकिन जब तक गोताखोर आदित्य को बचाने कूदे, तब तक वह डूब चुके थे. जो फोटो सामने आई है, वह आदित्य की आखिरी तस्वीर मानी जा रही है.
50 किलोमीटर क्षेत्र में की गई तलाश
पुलिस प्रशासन पिछले पांच दिनों से 50 किलोमीटर क्षेत्र में उनकी तलाश कर रहा है. दर्जनों स्टीमर बोट्स और ड्रोन कैमरे झाड़ियों और गंगा बैराज के इलाकों में तलाशी में लगे हैं, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली है. पुलिस का मानना है कि बॉडी झाड़ियों में फंसी हो सकती है और सतह पर आने पर ही पता चलेगी.
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आदित्य के परिवार ने मीडिया से बात करने से इनकार किया है. उनके भाई और माता-पिता भी विदेश से आ चुके हैं, लेकिन किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. एडीसीपी बृजेश द्विवेदी ने आश्वासन दिया कि पुलिस कोशिशों में जुटी है और जल्द ही उनकी तलाश पूरी होगी.