मधुमेह एक गंभीर बीमारी है जो शरीर के लगभग हर अंग को प्रभावित कर सकती है। यह तब होता है जब अग्न्याशय आवश्यक इंसुलिन का उत्पादन करने में असमर्थ होता है या शरीर उस इंसुलिन का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाता है। इससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है, जिसका हृदय, गुर्दे, आंखों और नसों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इसे पूरी तरह से खत्म करना मुश्किल है लेकिन उचित आहार, दवाओं और कुछ घरेलू उपायों से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
मधुमेह नियंत्रित रहता है
आयुर्वेद में कई औषधीय पौधों का जिक्र है, जिनका इस्तेमाल अलग-अलग बीमारियों के इलाज में किया जाता है। इन्हीं में से एक है आक का पौधा, जिसे मदार के नाम से भी जाना जाता है। लोकल 18 से बातचीत के दौरान उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित कायाकल्प हर्बल क्लीनिक के डॉ. राजकुमार (डीयूएम) ने बताया कि आक के पत्ते एक प्राकृतिक औषधि हैं, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के साथ-साथ कई अन्य बीमारियों में भी फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
ऐसे बचें साइड इफ़ेक्ट से
हालांकि, इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है ताकि कोई साइड इफेक्ट न हो। अगर इसका सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो यह लकवा, जोड़ों के दर्द, बवासीर और एड़ी के दर्द जैसी समस्याओं में भी राहत दिला सकता है। इसकी पत्तियों में कई औषधीय गुण होते हैं, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के साथ-साथ अन्य बीमारियों में भी फायदेमंद माने जाते हैं।
आक के पत्तों का उपयोग कैसे करें?
विशेषज्ञों के अनुसार, आक के पत्तों को तलवों पर लगाने से ब्लड शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है। इस उपाय को अपनाने के लिए सबसे पहले एक ताजा आक का पत्ता लें और उसे गुनगुने पानी से धो लें। पत्ते के चिकने हिस्से (चमकदार हिस्से) को तलवे की तरफ रखें। पत्ते को सही जगह पर रखने के बाद पैरों में मोजे पहन लें ताकि रात भर यह सही जगह पर रहे। सुबह उठने के बाद पत्ते को हटाकर पैरों को गुनगुने पानी से धो लें।
आक के पत्ते किन बीमारियों में फायदेमंद हैं?
1. रक्त शर्करा नियंत्रण – आक के पत्तों में मौजूद औषधीय गुण रक्त शर्करा के स्तर को संतुलित करने में मदद करते हैं।
2. जोड़ों और घुटनों के दर्द में राहत – इसके पत्तों को हल्का गर्म करके प्रभावित हिस्से पर रखने से जोड़ों का दर्द कम हो जाता है।
3. लकवा के इलाज में मददगार – आयुर्वेद में इसे लकवा के इलाज में भी उपयोगी बताया गया है।
4. बवासीर में राहत – इसकी जड़ का पेस्ट बनाकर लगाने से बवासीर की समस्या में राहत मिलती है।
5. एड़ी के दर्द और सूजन में फायदेमंद – इसके पत्तों को तलवों में रखने से एड़ी के दर्द में आराम मिलता है।