उत्तर प्रदेश के देवरिया हत्याकांड मामले में नई जानकारी सामने आई है. राजस्व विभाग ने पूर्व जिला पंचायत सदस्य मृतक प्रेमचंद यादव के मकान और जमीन की पैमाइश पूरी करके कोठी पर मार्किंग कर दी है. बताया जा रहा है कि मृतक प्रेमचंद की आलीशान कोठी बंजर जमीन पर कब्जा करके बनाई गई है.

राजस्व विभाग की टीम फील्ड बुक तैयार करने में जुट गई है. जल्द ही प्रेमचंद की कोठी पर बुलडोजर चलाने का आदेश जारी हो सकता है. प्रेमचंद यादव के अधिवक्ता गोपीनाथ यादव ने बताया कि मार्किंग करने से आदेश थोड़ी ना जारी हो जाएगा. इसमें पत्रावली तैयार की जाएगी, जिसके बाद उनके द्वारा आपत्ति दाखिल की जाएगी. इसके अलावा प्रेमचंद यादव की बेटियां और पत्नी ने गलत नापी का भी आरोप लगाया है.

उनका कहना है कि उनके चाचा राम जी यादव जेल में हैं. उन्हें लाया जाए. वह जो भी कहेंगे हम उसे ही मानेंगे. तो वहीं, सपा के युवजन सभा के प्रदेश सचिव महेश यादव ने बताया कि प्रशासन द्वारा पूरा मकान ही बंजर जमीन में होना बताया जा रहा है. जबकि, यह प्रेमचंद यादव के पिता राम भवन यादव जो कि फौज से रिटायर्ड हैं उनके द्वारा बनाया गया है. हमारी विनती है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन अनाथ बेटियों के साथ न्याय करें.

बता दें, देवरिया के फतेहपुर गांव में सत्य प्रकाश दुबे और उनके परिवार के चार सदस्यों की हत्या के मामले में पुलिस ने जहां एक तरफ 21 अभियुक्तों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है. तो वहीं, दूसरी तरफ सत्य प्रकाश के बेटे ने यह आरोप लगाया कि मृतक प्रेम चंद यादव पूर्व जिला पंचायत सदस्य जो दबंग और मनबढ़ किस्म का व्यक्ति था, उसने सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करके आलीशान कोठी बनवाई है.

सत्य प्रकाश दुबे का बेटा देवेश.

सत्य प्रकाश दुबे ने भी की थी शिकायत

यही नहीं, उसके पिता सत्य प्रकाश दुबे ने भी इसकी शिकायत पहले की थी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी थी. इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और 4 अक्टूबर को प्रेम चंद के मकान और जमीन की पैमाइश कराई गई. उसके बाद दो दिन बाद प्रेम चंद पुत्र राम भवन के खिलाफ मामला दर्ज करके मकान पर एक नोटिस चस्पा कर दिया गया. 7 अक्टूबर को तहसीलदार के कोर्ट में हाजिर होकर आपत्ति दाखिल करने के लिए कहा गया. कोर्ट में जाने पर पता चला कि दो नोटिस और जारी किए गए हैं, जो बैक डेट में हैं. वो साइलेंट हैं जिसके बारे में बताया ही नहीं गया.

भीड़ ने किया विरोध, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

तहसीलदार द्वारा 9 अक्टूबर को स्थलीय निरीक्षण करने का आदेश दिया गया और जब SDM, तहसीलदार ,नायब तहसीलदार, लेखपाल और कानूनगो की टीम पहुंची तो इलाके के लोगों द्वारा हंगामा और नारेबाजी करते हुए इसका जमकर विरोध किया जाने लगा. लेकिन पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज किया. जिसके बाद भीड़ हटी और पैमाइश की प्रक्रिया पूरी हुई. फिलहाल अब इसमें आदेश आना बाकी है. जैसे ही डेट जारी होगी, मकान ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी.

गौरतलब है कि 2 अक्टूबर को जमीनी विवाद में पहले प्रेमचंद यादव की हत्या की गई. उसके प्रतिशोध में सत्य प्रकाश दुबे और उनके परिवार के चार सदस्यों की निर्मम हत्या कर दी गई. जिसमें सत्य प्रकाश के बेटा और दो बेटियां शामिल थीं.

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