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पश्चिम बंगाल के टेंगरा इलाके में तीन महिलाओं की मौत का मामला सामने आया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने आत्महत्या के दावे को खारिज कर दिया है. पुलिस परिवार के पुरुष सदस्यों से पूछताछ कर रही है.

सुसाइड पैक्ट या खूनी खेल? कमरे में मिली 3 लाश, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पलटा केस

टैंगरा में एक ही परिवार की तीन महिलाओं की मौत का मामला अब और भी उलझता जा रहा है.

कोलकाता. पश्चिम बंगाल के टेंगरा इलाके में एक ही परिवार की तीन महिला सदस्यों की लाश मिलने के मामले में परत दर परत रहस्य उजागर हो रहा है. शुरू में इसे आत्महत्या करार दिया गया था, लेकिन अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने इस दावे को खारिज कर दिया है. रिपोर्ट में साफ हुआ है कि तीनों महिलाओं की मौत आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या थी. इस नए खुलासे के बाद परिवार के पुरुष सदस्यों पर संदेह और गहरा गया है. पुलिस पहले ही सुदेशना डे के पिता की शिकायत पर हत्या का मामला दर्ज कर चुकी है.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि रोमी डे के शरीर पर चोट के कई निशान थे, हाथ की नस काटी गई थी और गले पर चाकू से वार किया गया था, हालांकि गला पूरी तरह नहीं कटा था. वहीं प्रियंवदा डे के शरीर पर भी चोटों के निशान पाए गए और उसकी मौत जहर के कारण हुई, जबकि सुदेशना डे के शरीर पर भी गंभीर चोटें थीं और उसकी मौत नस कटने के बाद बेहद ज्यादा खून बहने के चलते हुई थी.

इस घटना में सुदेशना और रोमी के पति, प्रणय और प्रसून डे पर शक गहराता जा रहा है.

क्या हुआ था उस रात?
रात करीब 12:50 बजे प्रणय और प्रसून अपने बेटे प्रतीप डे के साथ गाड़ी लेकर घर से निकले. सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि तीनों शांति से गाड़ी में बैठे और निकल गए. करीब ढाई घंटे बाद उनकी तेज़ रफ्तार गाड़ी कोलकाता के ईएम बाईपास पर एक खंभे से टकरा गई. पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें अस्पताल ले गई.

अस्पताल में जब पुलिस ने उनसे पूछताछ की, तो तीनों ने खुलासा किया कि उनके घर में तीन लाशें पड़ी हैं. उन्होंने दावा किया कि महिलाओं ने ‘सुसाइड पैक्ट’ के तहत आत्महत्या कर ली और वे खुद भी आत्महत्या करने जा रहे थे. दोनों भाइयों ने पुलिस को बताया कि पहले वे छत से कूदने वाले थे, लेकिन ऐसा नहीं कर सके, इसलिए तेज़ रफ्तार में गाड़ी चलाकर खंभे से टकरा दी.

हत्या या आत्महत्या? उठ रहे हैं कई सवाल
इस मामले में पुलिस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे हत्या की आशंका मजबूत होती जा रही है. कई सवाल ऐसे हैं, जिनका जवाब अब तक नहीं मिला है.

  • अगर महिलाओं ने आत्महत्या की, तो उनके शरीर पर चोटों के इतने निशान क्यों हैं?
  • अगर पुरुष सदस्य भी आत्महत्या करने वाले थे, तो उन्होंने अपनी नसें क्यों नहीं काटीं?
  • घर से निकलने के बाद ये तीनों ढाई घंटे तक कहां थे?
  • अगर आत्महत्या करनी थी, तो उन्होंने सीटबेल्ट क्यों पहनी थी?
  • क्या आर्थिक तंगी बनी मौत की वजह?

पुलिस को दिए बयान में दोनों भाइयों ने कहा था कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण उनका व्यापार ठप हो गया था और वे कर्ज़ में डूब चुके थे. इसी वजह से उन्होंने ‘सुसाइड पैक्ट’ का फैसला लिया. वहीं एक कारोबारी गौरव ने पुलिस को बताया कि उनका और उनके दादा जी का इस परिवार पर 35 लाख रुपये बकाया था. उन्होंने कई बार कहा कि आराम से चुका दीजिए, लेकिन परिवार पर पहले से ही एक करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज था.

इस पूरे मामले में पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है. अब तक दिए गए बयानों में कई विरोधाभास मिले हैं और पुलिस इस गुत्थी को सुलझाने के लिए परिवार के पुरुष सदस्यों से लगातार पूछताछ कर रही है. क्या यह वास्तव में आत्महत्या थी या फिर हत्या को आत्महत्या का रूप देने की साजिश? इस सवाल का जवाब आने वाले दिनों में पुलिस की जांच से सामने आ सकता है.

(डिस्क्लेमर: अगर आपके आसपास कोई शख्‍स ड‍िप्रेशन में है और आपको ऐसा लगता है कि उसके मन में खुद को नुकसान पहुंचाने का व‍िचार आ रहा है या कोई खुद को नुकसान पहुंचाने कोश‍िश कर रहा है. ऐसे में आप 9152987821 हेल्‍पलाइन नंबर पर फोन कर तुरंत जानकारी दे सकते हैं, ताक‍ि एक कीमती जीवन को बचाया जा सके.)

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