पोप फ्रांसिस की हालत गंभीर बनी हुई है. शनिवार को वेटिकन ने बताया कि उन्हें लंबे समय तक अस्थमा से जुड़ी श्वसन समस्या (respiratory problem) का सामना करना पड़ा, जिससे उन्हें ऑक्सीजन की अधिक मात्रा की जरूरत पड़ी. 88 वर्षीय पोप फ्रांसिस पिछले एक हफ्ते से फेफड़ों में गंभीर संक्रमण के चलते अस्पताल में भर्ती हैं. डॉक्टरों के अनुसार उन्हें खून की कमी (एनीमिया) से जुड़ी समस्या भी है, जिसके कारण उन्हें ब्लड ट्रांसफ्यूजन दिया गया.

वेटिकन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि पोप दिनभर कुर्सी पर बैठे रहे, लेकिन कल की तुलना में अधिक दर्द में हैं. फिलहाल उनकी हालत को लेकर कोई निश्चित भविष्यवाणी नहीं की जा सकती.

पोप के निजी चिकित्सक डॉ. लुइगी कार्बोन ने कहा कि वे अभी भी खतरे से बाहर नहीं हैं. जैसे सभी कमजोर मरीजों के साथ होता है, उनकी स्थिति कभी भी बिगड़ सकती है.

फेफड़ों के संक्रमण से जूझ रहे हैं पोप

डॉक्टरों ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि पोप फ्रांसिस निमोनिया और जटिल श्वसन संक्रमण से जूझ रहे हैं. फिलहाल उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है, और उन्हें कम से कम एक और सप्ताह तक अस्पताल में रहना पड़ेगा. वेटिकन में बिना पोप के ही पवित्र वर्ष (Holy Year) समारोह जारी रहा. शनिवार को दिए एक अपडेट में वेटिकन ने कहा कि पोप रात में अच्छी नींद लेने में सफल रहे, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि सबसे बड़ा खतरा सेप्सिस (रक्त संक्रमण) का है, जो निमोनिया की जटिलताओं में से एक है.

वायरल, बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण का सामना

पोप फ्रांसिस को 14 फरवरी को रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शुरुआत में उनके ब्रोंकाइटिस के लक्षण बढ़ गए थे, जिसके बाद डॉक्टरों ने उनकी बारीकी से जांच की. जांच में उनके फेफड़ों में वायरल, बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण की पुष्टि हुई. उन्हें कॉटिकोस्टेरॉयड, एंटीबायोटिक्स और ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है. पोप की देखरेख उनके निजी चिकित्सक डॉ. कार्बोन और नर्स मास्सिमिलियानो स्ट्रापेट्टी कर रहे हैं. हालांकि, वे बीमार होने के बावजूद वेटिकन में रुककर काम करना चाहते थे, लेकिन उनकी बिगड़ती हालत को देखते हुए उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा.

सेप्सिस का सबसे बड़ा खतरा

रोम के जेमेली अस्पताल के चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ. सर्जियो अल्फिएरी ने कहा कि पोप के श्वसन तंत्र में मौजूद बैक्टीरिया अगर रक्तप्रवाह में चले गए, तो सेप्सिस हो सकता है. यह स्थिति अंगों के फेल होने और मौत का कारण भी बन सकती है. डॉ. अल्फिएरी ने कहा कि उनकी उम्र और श्वसन संबंधी समस्याओं को देखते हुए सेप्सिस से उबरना बेहद मुश्किल होगा.

वेटिकन में  Holy Year के आयोजनों से दूर रहे पोप

इस वीकेंड वेटिकन में डीकनों (Deacons) के लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें पोप को शामिल होना था, लेकिन उनकी अनुपस्थिति में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ. वहीं, आज होने वाले मास (Mass) का आयोजन पवित्र वर्ष आयोजक द्वारा किया जाएगा.

लंबी रिकवरी की उम्मीद, लेकिन जोखिम बरकरार

डॉक्टरों का कहना है कि पोप फ्रांसिस को इस संक्रमण से उबरने में समय लगेगा और इसके बावजूद उन्हें अपने पुराने श्वसन संबंधी विकार के साथ ही जीना पड़ेगा. डॉ. अल्फिएरी ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि वे जल्द ही ठीक हो जाएंगे, लेकिन अभी सभी खतरा बना हुआ है. 

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