अमेरिका और कनाडा के रिश्तों में हाल ही में तनाव बढ़ता नजर आ रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कनाडा पर 25% टैरिफ लगाने के फैसले के बाद कनाडा से और भी तनातनी हो गई थी. ऐसे में वहां के नए पीएम मार्क कार्नी अपनी एक नई चाल से ट्रंप को घेरने की तैयारी कर रहे हैं. दरअसल शपथ लेने के बाद कार्नी अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत फ्रांस गए, वहां उन्होंने मैक्रौं से मुलाकात की.
खैर एक हद तक देखा जाए तो मैक्रों से मुलाकात ठीक है, लेकिन इसके बाद कार्नी ब्रिटेन जा रहे हैं, वहां वो कीर स्टार्मर से मुलाकात करेंगे. उनकी इस आधिकारिक विदेश यात्राओं ने इस बात पर मुहर लगा दी कि वो अमेरिका को घेरने के लिए कीर से अपने संबंधों को मजबूत करने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. इतना ही नहीं, कार्नी ने खुद भी कहा कि वे विश्वासपात्र सहयोगियों के साथ रिश्ते मजबूत करेंगे और फिलहाल वाशिंगटन जाने की कोई योजना नहीं है. जेलेंस्की भी ट्रंप से नाराजगी के बाद कीर के दरबार में ही आए थे.
अमेरिका को नजरअंदाज करना
फ्रांस में कार्नी ने साफ कहा कि उनका मकसद अमेरिका से ज्यादा यूरोप के भरोसेमंद सहयोगियों के साथ मजबूत साझेदारी बनाना है. उन्होंने कहा कि मैं सुनिश्चित करना चाहता हूं कि फ्रांस और पूरा यूरोप कनाडा के साथ उत्साहपूर्वक काम करे. हमारा देश यूरोप का सबसे करीबी गैर-यूरोपीय राष्ट्र है.
ट्रंप का ट्रेड वॉर पड़ा भारी
ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद दुनिया में ट्रेड वॉर शुरू कर दिया है. हाल ही में उन्होंने कनाडा से आने वाले सामानों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक तनाव बढ़ गया है. इसके जवाब में कनाडा ने भी 25% टैरिफ लगाने और अमेरिकी बिजली पर निर्भरता कम करने की चेतावनी दी है.
बिना नाम लिए साधा निशाना
फ्रांस में कार्नी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मैक्रों ने भी ट्रंप के टैरिफ फैसले पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा. उन्होंने कहा कि टैरिफ केवल महंगाई बढ़ाते हैं और यह वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदायक है. हालांकि, उन्होंने ट्रंप का नाम नहीं लिया, लेकिन यह स्पष्ट था कि वे अमेरिका की मौजूदा व्यापार नीति से खुश नहीं हैं.
मिलने के लिए तैयार, लेकिन शर्तों के साथ
मार्क कार्नी ने कहा कि अगर ट्रंप कनाडा की संप्रभुता (Sovereignty) का सम्मान करते हैं, तो वे उनसे मिलने के लिए तैयार हैं. लेकिन फिलहाल उनकी वाशिंगटन जाने की कोई योजना नहीं है. हालांकि, वे जल्द ही ट्रंप से फोन पर बातचीत कर सकते हैं. इतना ही नहीं, कनाडा की सरकार अब अमेरिकी F-35 लड़ाकू विमानों की खरीद की समीक्षा कर रही है. ट्रंप के टैरिफ फैसलों से नाराज कनाडा अब अपने रक्षा सौदों की भी नए सिरे से समीक्षा कर सकता है.
51वां राज्य बनाने की साजिश?
डोनाल्ड ट्रंप कनाडा पर दबाव बनाने के लिए कई तरह की रणनीतियां अपना रहे हैं. उन्होंने यह तक कह दिया कि कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बना देना चाहिए. हालांकि, कनाडा ने इस बयान को हल्के में नहीं लिया और अपने जवाबी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. ऐसा लग रहा है कि मार्क कार्नी की रणनीति स्पष्ट है. वो अमेरिका पर निर्भरता कम करना और यूरोप से मजबूत संबंध बनाना चाहते हैं. उनके इस रुख से साफ है कि आने वाले दिनों में अमेरिका-कनाडा संबंधों में और तनाव देखने को मिल सकता है.