मोनिका जाट पर ब्लूटूथ से नकल करने का आरोप
एसआई भर्ती 2021 का पेपर लीक होने के साथ बड़े स्तर पर नकल भी कराई गई थी। नकल गैंग के मास्टरमाइंड पोरव कालेर की गिरफ्तारी के बाद नकल करके पास होने वाले कई चयनित थानेदारों के नाम सामने आए थे। इनमें मोनिका का नाम भी शामिल था। जब पोरव कालेर की गिरफ्तारी हुई तो मोनिका को पता चल गया था कि उसका भी नंबर आने वाला है। ऐसे में ट्रेनिंग के बीच में ही मेडिकल लीव के नाम पर गायब हो गई। एसओजी के एडीजी वीके सिंह का कहना है कि मोनिका जाट को पोरव कालेर गैंग ने ब्लूटूथ के जरिए नकल कराई थी।
हिंदी में 92 प्रतिशत मार्क्स लेकिन लिखना तक नहीं आता
जिस मोनिका जाट को एसओजी ने गिरफ्तार किया है। उसे ठीक से लिखना तक नहीं आता। इसके बावजूद भी एसआई भर्ती 2021 की लिखित परीक्षा में उसे 92 प्रतिशत अंक मिले। हिंदी के पेपर में मोनिका को 200 में से 184 अंक प्राप्त हुए थे। सामान्य ज्ञान के पेपर में भी उसे 200 में से 161 नंबर मिले थे। इतने अच्छे नंबर आने के बावजूद भी मोनिका को ठीक से लिखना भी नहीं आता। नवंबर 2024 में मोनिका ने झुंझुनूं पुलिस लाइन में आमद के लिए एसपी को पत्र लिखा था। इस पत्र में करीब 20 लाइन थी जिनमें हिंदी के 13 शब्द अशुद्ध लिखे हुए थे। यानी हिंदी के शब्दों में इतनी अशुद्धियां कि पढने वाले हैरान रह जाए। यहां तक कि मोनिका को अपना पद नाम भी सही नहीं लिखा। उसने निरीक्षक को निरक्षक लिखा था। इंटरव्यू के दौरान मोनिका को 50 में से सिर्फ 13 नंबर मिले थे लेकिन लिखित परीक्षा में उच्च अंक होने के कारण उसका चयन एसआई के लिए हो गया था। मोनिका को ऑल राजस्थान 34 रैंक मिली थी।
15 लाख में हुआ था सौदा
हालांकि चोर कभी खुद को चोर नहीं मानता है। मोनिका और उसके परिवार वालों का यही कहना है कि मोनिका का चयन पूरी ईमानदारी के साथ हुआ था लेकिन नकल गैंग के मास्टरमाइंड पोरव कालेर ने एसओजी को बताया कि उसने मोनिका जाट को हिंदी और सामान्य ज्ञान दोनों पेपर में ब्लूटूथ के जरिए नकल कराई थी। इसके बदले मोनिका से 15 लाख रुपए लिए गए थे। एसओजी ने अब तक 86 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिनमें 52 चयनित थानेदार शामिल हैं।
हाईकोर्ट में है एसआई भर्ती पेपर लीक मामला
पेपर लीक और नकल प्रकरण में उलझी एसआई भर्ती परीक्षा पर रद्द होने की तलवार लटकी हुई है। एसओजी ने अपनी चार्जशीट में माना कि भर्ती प्रक्रिया में बड़े स्तर पर पेपर लीक हुआ और नकल भी कराई गई। सैकड़ों की संख्या में फर्जी और अयोग्य अभ्यर्थियों के चयन की बात भी मानी है। ऐसे में एसओजी ने इस परीक्षा को रद्द करने की सिफारिश की थी। एसओजी की रिपोर्ट के बाद पुलिस मुख्यालय ने भी इस भर्ती को रद्द करने की सिफारिश की। सरकार की ओर से गठित मंत्रिमंडलीय कमेटी और महाधिवक्ता भी इस भर्ती परीक्षा को रद्द करने की सिफारिश कर चुके हैं लेकिन सरकार ने इस बारे में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है। फिलहाल मामला राजस्थान हाईकोर्ट में लंबित है।