मुंबई: दिल्ली कैपिटल्स के मुख्य कोच जोनाथन बैटी ने महिला प्रीमियर लीग में लगातार तीसरा फाइनल हारने के बाद कहा कि शायद उनकी टीम दबाव का सामना नहीं कर सकी । दिल्ली कैपिटल्स फाइनल में मुंबई इंडियंस के खिलाफ 150 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 8 रन से चूक गई । इससे पहले दो सीजन में उसे आरसीबी और मुंबई ने ही हराया था।
कोच ने मैच के बाद कहा, ‘सभी बहुत आहत हैं । मुझे लगता है कि इस विकेट पर 150 रन का टारगेट हासिल किया जा सकता था। बड़ा मैच , फाइनल खेलने का दबाव शायद खिलाड़ी झेल नहीं पाए लेकिन मुंबई को जीत का श्रेय जाता है जिन्होंने इस स्कोर का भी बचाव कर लिया।’ उन्होंने कहा, ‘उन्होंने हमारे लिए काफी कठिन कर दिया और हम कभी दबाव बना नहीं पाए।’

उन्होंने कहा कि पिछले दो फाइनल हारने का उनकी टीम पर कोई मनोवैज्ञानिक दबाव नहीं था। कोच ने कहा, ‘सभी लड़कियां काफी सकारात्मक थीं। मैं उन्हें दोष नहीं देता। ऐसी नकारात्मक बातें हो रही थी कि पिछले दो फाइनल हारने का कोई दबाव है लेकिन ऐसा नहीं था। वे सभी काफी सकारात्मक और आत्मविश्वास से भरी थीं।’

उन्होंने कहा, ‘कोई मानसिक गतिरोध नहीं था। हमने इस विकेट पर उन्हें 149 रन पर रोक दिया जबकि 180 रन बन सकते थे। हम हार से आहत हैं और आत्ममंथन में समय लगेगा कि गलती कहां हुई। लगातार दो कड़े मुकाबले खेलें हैं और यह इतना करीबी मैच था कि बस 8 रन यानी दो चौकों के अंतर से हारे।’

वहीं मुंबई इंडियंस की मुख्य कोच चार्लोट एडवडर्स ने कहा कि दिल्ली कैपिटल्स की कप्तान मेग लैनिंग और ओपनिंग बल्लेबाज शेफाली वर्मा के विकेट जल्दी चटकाने से उनकी टीम को महिला प्रीमियर लीग फाइनल जीतने में मदद मिली। लैनिंग 13 और शेफाली 4 रन बनाकर उस समय आउट हुईं जब स्कोर बोर्ड पर 17 रन टंगे थे। जीत के लिए 150 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए दिल्ली की टीम 9 विकेट पर 141 रन ही बना सकी।

एडवडर्स ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘हमें पता था कि 150 रन का लक्ष्य ज्यादा बड़ा नहीं होगा लेकिन फाइनल में यह बुरा भी नहीं था। शेफाली अपना चिर परिचित प्रदर्शन नहीं कर सकी और मुझे पता था कि उसका विकेट लेने के बाद हमारे लिए मौका है।’ उन्होंने कहा, ‘लैनिंग और शेफाली की शुरुआती साझेदारी हमारे लिए पिछले कुछ साल में सिरदर्द रही थी और उन दोनों को जल्दी आउट करने से मदद मिली। यह टीम प्रयासों का नतीजा है।’

इंग्लैंड की पूर्व कप्तान एडवडर्स ने 44 गेंद में 66 रन बनाने वाली कप्तान हरमनप्रीत कौर की तारीफ करते हुए कहा, ‘वह शांतचित्त होकर खेल रही थी। वह काफी प्रतिस्पर्धी है और एक और खिताब जीतना चाहती थी जिसके लिए उसने पूरा प्रयास किया। वह युवा खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कराती है और विदेशी तथा अनुभवी खिलाड़ियों के साथ बखूबी काम करती है।’

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