
शमी को सिर्फ नाम का मुस्लिम बताया।
यह बात कुछ लोगों को रास नहीं आई। एक यूजर ने शमी के इंस्टाग्राम पोस्ट पर कमेंट किया- हर कोई हाशिम अमला नहीं होता। कहा जाता है कि दक्षिण अफ्रीका के पूर्व बल्लेबाज हाशिम अमला रोजा रखते हुए भी ढेरों रन बनाते थे, लेकिन इसकी कोई पुष्टि नहीं है। एक अन्य यूजर ने लिखा- काश रोजा रख के खेलता.. अलग मजा आता। एक शख्स ने तो यहां तक कह दिया- शर्म आनी चाहिए। अपने नाम से मोहम्मद हटा दो।

हाशिम अमला का नाम लेकर ट्रोल किया।
हालांकि, सभी कमेंट्स नफरत भरे नहीं थे। कई लोगों ने धर्म से ऊपर देश को रखने के लिए शमी की सराहना भी की। एक यूजर ने लिखा- भाई ने साबित किया देश हमेशा पहले, धर्म बाद में। एक अन्य यूजर ने लिखा- शमी भाई, आपने देश के लिए अपना रोजा छोड़ा, इसकी सराहना करता हूं। दूसरी ओर, जीत के बाद शमी ने कहा कि लंबे समय बाद चोट से वापसी के बाद अकेले मुख्य तेज गेंदबाज के रूप में खेलना बड़ी जिम्मेदारी है। वह अपनी लय हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।

शमी के कदम की तारीफ की।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में शमी ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कूपर कॉनॉली, सेट बल्लेबाज स्टीव स्मिथ और नाथन एलिस के तीन महत्वपूर्ण विकेट लिए। शमी ने स्वीकार किया कि लंबी चोट के बाद वापसी करते हुए भारत के एकमात्र मुख्य तेज गेंदबाज के रूप में खेलना एक बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि वह चैंपियंस ट्रॉफी में टीम की जरूरतों के हिसाब से अपनी लय हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। दुबई में चल रही चैंपियंस ट्रॉफी में जसप्रीत बुमराह की चोट के कारण शमी ने हर्षित राणा या हार्दिक पंड्या के साथ नई गेंद संभाली है।