नई दिल्ली। विदेश यात्रा के शौकीन लोगों के लिए एयर इंडिया ने बड़ा ऐलान किया है। अब एयर इंडिया के यात्रियों को 12 भारतीय शहरों और 26 यूरोपीय शहरों के बीच यात्रा करने की नई सुविधा मिलेगी। इसके लिए एयर इंडिया ने जर्मन एयरलाइन लुफ्थांसा, ऑस्ट्रियन एयरलाइंस और स्विस इंटरनेशनल एयरलाइंस के साथ कोड शेयरिंग समझौते का विस्तार किया है। इससे यात्रियों को अधिक कनेक्टिविटी और आसान ट्रांसफर की सुविधा मिलेगी।
एयर इंडिया की नई अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी
एयर इंडिया ने घोषणा की है कि उसने ऑस्ट्रियन एयरलाइंस के साथ नया कोड शेयरिंग समझौता किया है। साथ ही, लुफ्थांसा और स्विस एयरलाइंस के साथ मौजूदा समझौतों का विस्तार किया गया है। इस समझौते का लाभ यह होगा कि यात्री एयर इंडिया की फ्लाइट बुक करके भी इन विदेशी एयरलाइंस के रूट का लाभ उठा सकेंगे। इससे यूरोप और अन्य अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों की यात्रा और भी आसान हो जाएगी।
इस नए समझौते के बाद एयर इंडिया, लुफ्थांसा और स्विस एयरलाइंस के बीच कोड शेयरिंग मार्गों की संख्या 55 से बढ़कर लगभग 100 हो गई है।
कौन से नये मार्ग शामिल किये जायेंगे?
नए कोड शेयरिंग समझौते के तहत यात्री भारत के 12 प्रमुख शहरों और यूरोप के 26 शहरों की यात्रा कर सकेंगे।
भारतीय शहर: दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता, अहमदाबाद, पुणे, कोच्चि, त्रिवेंद्रम, लखनऊ, जयपुर।
यूरोपीय शहर: वियना, ज्यूरिख, फ्रैंकफर्ट, म्यूनिख, बर्लिन, डसेलडोर्फ, स्टटगार्ट, जिनेवा, ब्रुसेल्स, प्राग, वाशिंगटन डीसी, टोरंटो आदि।
एयर इंडिया की अंतरराष्ट्रीय उड़ानें दोगुनी होंगी
एयर इंडिया ने अगले तीन सालों में अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को दोगुना करने की योजना बनाई है। वर्तमान में एयर इंडिया सालाना 313 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित करती है। इसे जल्द ही दोगुना किया जाएगा, ताकि लंबी दूरी के अंतरराष्ट्रीय बाजार में एयर इंडिया की उपस्थिति मजबूत हो सके।
एयर इंडिया के सीसीओ (मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी) निपुण अग्रवाल ने कहा, “इस साझेदारी से हमारे ग्राहक लुफ्थांसा समूह की उड़ानों से यूरोप के अधिक स्थानों की यात्रा कर सकेंगे।”
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रभुत्व बढ़ाने के प्रयास
भारत से विदेश यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसे देखते हुए भारतीय एयरलाइंस भी अपने अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का विस्तार कर रही हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा में भारतीय एयरलाइनों की हिस्सेदारी अब बढ़कर 46 प्रतिशत हो गई है।
- जनवरी-सितंबर 2024 में भारतीय एयरलाइनों ने 2.4 करोड़ यात्रियों को ढोया।
- एयर इंडिया (टाटा समूह) की विमानन बाजार में 28 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
- 75 से अधिक विदेशी एयरलाइन्स कम्पनियां भी भारत से यात्रियों का परिवहन कर रही हैं।
यात्रियों को क्या लाभ होगा?
अधिक कनेक्टिविटी: नए कोड शेयरिंग समझौते के तहत यात्रियों को अधिक विकल्प मिलेंगे।
बेहतर पारगमन सुविधाएं: अंतर्राष्ट्रीय स्थानांतरण अब अधिक आसान और सुविधाजनक हो जाएगा।
समय की बचत: अधिक सीधी और कनेक्टिंग उड़ान विकल्प उपलब्ध होंगे।
सस्ती टिकट दरें: कोड शेयरिंग के कारण टिकट की कीमतों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिसका लाभ यात्रियों को मिलेगा।