इस राज्य के सरकारी स्कूलों में होगा अब CBSE बोर्ड का पैटर्न, कैसे आया ये बदलाव?

दादाजी भुसे, महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री (फोटो: X @dadajibhuse)

महाराष्ट्र के सरकारी स्कूलों में अब सीबीएसई पैटर्न लागू किया जाएगा और छात्रों को मराठी में किताबें भी उपलब्ध कराई जाएंगी. महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे ने गुरुवार को विधान परिषद में यह घोषणा की. उन्होंने बताया कि शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में सीबीएसई (CBSE) पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा.

सरकार का मानना है कि यह कदम छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने और उनकी शैक्षणिक क्षमताओं को निखारने में मदद करेगा. शिक्षा मंत्री भुसे ने कहा कि सीबीएसई पैटर्न के तहत किताबें मराठी भाषा में भी उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि भाषा की बाधा न हो और सभी छात्र इसका लाभ उठा सकें.

ये किताबें 1 अप्रैल 2025 तक स्कूलों में पहुंचा दी जाएंगी. राज्य शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित स्कूलों को भी इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने का प्रयास

भुसे ने कहा कि इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में विभिन्न विभागों की 100 दिनों की योजना का रिव्यू किया था, जिसमें शिक्षा विभाग को भी शामिल किया गया. उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि राज्य को स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में फिर से अग्रणी बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं.

इसके अलावा, डिजिटल लर्निंग संसाधनों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा, ताकि छात्रों को आधुनिक शिक्षा प्रणाली का लाभ मिल सके.

सीबीएसई पैटर्न को लेकर उठे सवाल

बीजेपी विधायक प्रसाद लाड ने इस पर सवाल उठाया था कि जब राज्य में कक्षा 3 से 12 तक के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) लागू हो रही है, तो सीबीएसई पाठ्यक्रम को लागू करने की आवश्यकता क्यों पड़ी. इस पर भुसे ने जवाब दिया कि स्टेट करिकुलम फ्रेमवर्क (SCF) को स्टियरिंग कमेटी की मंजूरी मिल चुकी है और इसी के तहत यह फैसला लिया गया है.

उन्होंने यह भी कहा कि सीबीएसई पाठ्यक्रम छात्रों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं के लिए बेहतर ढंग से तैयार करेगा.

शिक्षा में नई पहल

राज्य सरकार का मानना है कि सीबीएसई पैटर्न अपनाने से छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा. इससे प्रतियोगी परीक्षाओं में भी राज्य के छात्रों की सफलता दर बढ़ेगी. साथ ही, ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के छात्रों को समान अवसर मिलेंगे. इसके अतिरिक्त, सरकार स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम्स और लैब सुविधाएं भी बढ़ाने पर विचार कर रही है.

शिक्षा मंत्री ने आशा जताई कि यह पहल राज्य में एक नए शैक्षणिक युग की शुरुआत करेगी, जिससे छात्र बेहतर करियर विकल्पों के लिए तैयार हो सकेंगे.

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