
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से उर्दू भाषा पर दिए गए बयान की निंदा की है. अंसारी ने कहा कि सीएम योगी को अपनी भाषा पर संयम रखना चाहिए और अनावश्यक रूप से भड़काऊ टिप्पणियों से बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि उर्दू किसी एक की नहीं बल्कि पूरे हिंदुस्तान की पहचान है. इसके संकीर्ण नजरिए से नहीं देखना चाहिए. यह तो तहजीब की भाषा है.
अंसारी ने जोर देकर कहा कि उर्दू किसी जाति या धर्म विशेष की भाषा नहीं है, बल्कि यह सभी समाज को जोड़ने वाली भाषा है. उन्होंने योगी आदित्यनाथ से अपील की कि वे अपनी हरकतों से बाज आएं और किसी विशेष समुदाय को बार-बार निशाना बनाना बंद करें. उन्होंने कहा कि सीएम योगी को एक ही वर्ग को हमेशा टारगेट क्यों करते हैं और इसके पीछे उनकी क्या मंशा है?
‘सीएम योगी की राजनीति समाज को तोड़ने पर आधारित’
स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानसिक संतुलन ठीक नहीं लगता, इसलिए वे समय-समय पर ऐसी भड़काऊ और विभाजनकारी बातें करते हैं. उन्होंने उत्तर प्रदेश की जनता से भी सवाल किया कि कैसे ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री चुना गया, जिसकी राजनीति समाज को तोड़ने पर आधारित है. उन्होंने कहा कि अगर सीएम योगी आदित्यनाथ ने भविष्य में इस तरह की गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी जारी रखी तो फिर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने दोहराया कि राजनीति में ऐसे विचारधारा रखने वाले लोगों की कोई जगह नहीं होनी चाहिए.
दरअसल, हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उर्दू भाषा पर अवांछित और आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसे लेकर कई बुद्धिजीवियों और भाषा प्रेमियों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने इस बयान की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि उर्दू एक समृद्ध, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक भाषा है, जिसे किसी विशेष समुदाय से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए.
अखिलेश यादव भी बोल चुके हैं हमला
इस मुद्दे पर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी निशाना साध चुके हैं. उन्होंने कहा था कि दूसरों पर भाषागत प्रहार करके समाज में भेद उत्पन्न करने वालों में यदि क्षमता है तो यूपी में ऐसे वर्ल्ड क्लास स्कूल विकसित करके दिखाएं कि लोग बच्चों को पढ़ने के लिए बाहर न भेजें, लेकिन इसके लिए विश्व दृष्टिकोण विकसित करना होगा. उन्होंने कहा कि जो आज तक आसपास के दो देश ही गए हों, उनका नजरिए कैसे इतना बड़ा हो सकता है कि वो इतना बड़ा काम कर पाएंगे.
पूर्व सीएम ने कहा था कि जो जुबान पर लगाम नहीं लगा सकते, उन्हें तो अभी खुद ही स्कूल जाने की जरूरत है. यूपी विधानसभा में असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल न करने के लिए भी एक क्लास होनी चाहिए. उस स्पेशल क्लास के लिए एक विद्यार्थी तो मिल ही गया है बाकी बीजेपी वालों से ये क्लास अपने आप भर जाएगी.