
महाराष्ट्र डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे (फाइल फोटो)
महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर चल रहे विवाद पर पहली बार राज्य सरकार की ओर से उपमुख्यमंत्री शिवसेना के नेता और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपनी भूमिका साफ किया है और पूछा है कि औरंगजेब की निशानी महाराष्ट्र में क्यों है? एकनाथ शिंदे को पुणे के देहू में श्री संत तुकाराम महाराज पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
इस मौके पर उन्होंने कहा, “आज का दिन मेरे लिए बेहद आनंद का है, क्योंकि जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज पुरस्कार मुझे जैसे साधारण कार्यकर्ता को दिया गया है. यह सिर्फ मेरा पुरस्कार नहीं है, बल्कि वारकरी, किसान और सभी मेरे भाई-बहनों का है. मुख्यमंत्री रहते हुए तीर्थक्षेत्रों के विकास के लिए जो निर्णय लिए, उसी के कारण यह सम्मान मुझे मिला. वारकरी समाज जागरूकता फैलाता है और उनके द्वारा मिला यह पुरस्कार मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान है.
पुरस्कार समारोह के बाद जब मीडिया ने उनसे छत्रपति संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर चल रहे विवाद पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, “औरंगजेब की निशानी महाराष्ट्र में क्यों चाहिए? यही शिवभक्तों की भावना है, और वही मेरी भी भावना है.”
ये भी पढ़ें
एकनाथ शिंदे ने औरंगजेब को देशद्रोही बताया
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट रूप से कहा, “मैं शिवभक्तों की भावना का सम्मान करता हूं. औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज पर अत्याचार किए उनका क्रूरता की हद तक शोषण किया. ऐसे क्रूर औरंगजेब की निशानी महाराष्ट्र में क्यों होनी चाहिए? जो सच्चा देशभक्त है, वह औरंगजेब का महिमामंडन नहीं करेगा.
उन्होंने कहा कि औरंगजेब देश का दुश्मन और गद्दार था. ऐसे व्यक्ति की कब्र महाराष्ट्र में क्यों होनी चाहिए? जो लोग उसका महिमामंडन करते हैं, उनकी निंदा की जानी चाहिए.”
कांग्रेस पर निशाना, हर्षवर्धन पर पलटवार
इस दौरान एकनाथ शिंदे ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, “कांग्रेस की मानसिकता औरंगजेबी है. उन्हें पहले छत्रपति संभाजी महाराज पर बनी फिल्म देखनी चाहिए, फिर औरंगजेब का महिमामंडन करने की हिम्मत करनी चाहिए.”
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन द्वारा मुख्यमंत्री को औरंगजेब से तुलना करने पर पलटवार करते हुए शिंदे ने कहा, “जब मैं मुख्यमंत्री था, तब देवेंद्र फडणवीस हमारी टीम का हिस्सा थे और अब वे मुख्यमंत्री हैं और हम उनकी टीम में हैं. हमने छत्रपती शिवाजी महाराज के आदर्शों को ध्यान में रखते हुए काम किया है.
उन्होंने कहा किहमने किसानों और गरीबों के हित में न्याय किया. छत्रपति शिवाजी महाराज ने सिखाया था कि किसान के खेत की एक घास को भी नुकसान नहीं होना चाहिए. वही आदर्श छत्रपति संभाजी महाराज ने अपनाया था. कांग्रेस को किसी की तुलना करने से पहले शर्म आनी चाहिए.