मच्छरों से बचाव के लिए इस्तेमाल
मिलीपेड को देखने के बाद लीमर पहले उसे हल्के से काटता है। ऐसे करने से मिलीपेड अपने शरीर से एक रक्षात्मक लिक्विड छोड़ते हैं। ये लिक्डिव अक्सर मिलीपेड तब छोड़ते हैं, जब उन्हें खतरा महसूस होता है। इस लिक्विड को अपनी लार के साथ मिलाकर लीमर अपने शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर लगा लेता है। इससे मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों सहित कई कीटों से लीमर खुद को बचाता है।
रसायन की वजह से हो जाते हैं मदहोश
हालांकि, जिस उत्साह से लंगूर यह करते हैं, उसकी असली कारण चौंकाने वाला है। मिलीपेड के शरीर से निकला रसायन उन्हें एक तरह के नशे की हालत में डाल देता है और ऐसा लगता है कि उन्हें इसकी लत लग गई है। रसायन की वजह से अक्सर उनकी आंखें लाल हो जाती है। और वे मदहोश दिखने लगते हैं। लीमर इसे खाने के बाद अक्सर एक ट्रान्स जैसी स्थिति में चले जाते हैं।
सब सहकर भी बच निकलते हैं मिलीपेड
नशा होने के बाद लीमर या तो इस मिलीपेड को चबा लेता है या फिर फेंक देता है। फेंकने के बाद दूसरा लीमर इस मिलीपेड का वैसे ही इस्तेमाल करता है। हालांकि, कई बार मिलीपेड ये सब सहने के बावजूद सुरक्षित बच निकलते हैं और तब तक रेंगते रहते हैं जब तक कि उन्हें कोई अगला लीमर न मिल जाए। दिलचस्प बात यह है कि ऐसा बर्ताव अन्य जानवरों में भी देखा गया है, जिसमें पक्षी और बंदर भी शामिल हैं। ये अपने पंखों और फर पर मिलीपेड रगड़ते हैं।
क्या है लीमर
लीमर मुख्य तौर पर मैडागास्कर द्वीप पर पाया जाता है। एक लीमर आकार में 27 सेमी से 75 सेमी तक होता है और इनका वजन 30 ग्राम से 9 किलोग्राम तक हो सकता है। किसी लीमर का रंग इस बात पर निर्भर करता है कि वो किस प्रजाति से है। इनकी लगभग 100 प्रजातियां हैं। कीड़ों के अलावा ये जानवर फल, पत्तियों, फूल को भी खाकर अपना पेट भरते हैं।
मिलीपेड क्या है
आकार में महज 1 सेमी से 30 सेमी तक रहने वाले मिलीपेड का शरीर लंबा और सपाट होता है। इसके शरीर के हर खंड में दो जोड़े पैर होते हैं और इनकी कुछ प्रजातियों में पैरों की संख्या 750 तक चल जाती है। काले, भूरे, लाल और पीले रंग में मिलने वाले मिलीपेड शाकाहारी जीव हैं और पत्तियों, तनों को खाकर अपना पेट भरते हैं। खतरा महसूस होने पर ये अपने शरीर से एक जहरीला रसायन निकालते हैं, जो उनकी रक्षा के लिए काम करता है।