कर्नाटक में बीजेपी के भीतर का असंतोष फिर से उभरता दिख रहा है। वरिष्ठ नेता रमेश जारकीहोली ने सोमवार को पार्टी के राज्य अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे उनके नेतृत्व को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। जारकीहोली ने आरोप लगाया कि विजयेंद्र की वजह से ही पार्टी को राज्य में भ्रष्ट होने का टैग मिला है। उन्होंने कहा, “विजयेंद्र एक जूनियर नेता हैं और हम उनके नेतृत्व के खिलाफ हैं, लेकिन येदियुरप्पा के खिलाफ नहीं हैं।”

जारकीहोली के इस बयान के बाद कर्नाटक बीजेपी में फिर से गुटबाजी की खबरें सामने आई हैं। उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के छोटे बेटे विजयेंद्र को पिछले साल नवंबर में राज्य बीजेपी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। हालांकि, तब से ही जारकीहोली, विधायक बसंगौड़ा पाटिल यतनाल और पूर्व मंत्री अरविंद लिम्बावली जैसे कई वरिष्ठ नेता उनके इस पद पर आने से नाखुश हैं।

पिछले हफ्ते आरएसएस और बीजेपी नेतृत्व के बीच बैठक में इन मतभेदों को सुलझाने की कोशिश की गई थी लेकिन इसके परिणामस्वरूप कोई समाधान नहीं निकल सका। इसके अगले ही दिन जारकीहोली और यतनाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल थावर चंद गहलोत से मुलाकात कर कर्नाटक महार्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम में कथित घोटाले की व्यापक जांच की मांग की।

गुरुवार को आरएसएस नेता मुकुंद और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष की अध्यक्षता में हुई बैठक में दोनों गुटों के नेताओं को मतभेद भुलाकर आगामी स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारी करने की सलाह दी गई थी। लेकिन, शुक्रवार को जारकीहोली गुट के नेताओं की राज्यपाल से मुलाकात से जाहिर होता है कि मतभेद अभी भी बरकरार हैं।

बता दें विजयेंद्र और जारकीहोली के बीच का विवाद 2019 से चला आ रहा है, जब येदियुरप्पा मुख्यमंत्री थे। उस दौरान दोनों नेताओं के बीच तनाव पैदा हो गया था। बाद में जारकीहोली का एक कथित सेक्स वीडियो सामने आने के बाद उन्हें कैबिनेट से हटा दिया गया था। इस बीच विजयेंद्र ने मंगलवार को कहा कि वे बीजेपी की एकता और राज्य में पार्टी को दोबारा सत्ता में लाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए हर चीज को सहन कर रहे हैं और इस दिशा में काम कर रहे हैं।

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