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Karnataka ‘Honey-Trap’ Row: कर्नाटक के सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना ने विधानसभा में हनी-ट्रैप का आरोप लगाया, जिससे कांग्रेस-बीजेपी में तनाव बढ़ गया है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जांच का आश्वासन दिया है.

कर्नाटक में ‘हनी-ट्रैप’ ने तहलका मचा दिया है. (फाइल फोटो PTI)
Karnataka ‘Honey-Trap’ Row: कर्नाटक के सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना ने विधानसभा में खलबली मचा दी, जब उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें “हनी-ट्रैप” गिरोह ने निशाना बनाया है, जिसने विभिन्न दलों के 47 अन्य लोगों को भी फंसाया है. यह दावा कर्नाटक की राजनीति को एक नई दिशा में मोड़ सकता है, जिससे सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी बीजेपी के बीच तनाव बढ़ गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार दो दिनों तक विधानसभा में हनी-ट्रैप का मुद्दा गरमाता रहा. इससे 18 बीजेपी विधायकों को निलंबित कर दिया गया, जिन्होंने कांग्रेस सरकार से राजन्ना के आरोपों पर स्पष्ट जवाब की मांग करते हुए हंगामा किया. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और गृह मंत्री जी परमेश्वर ने “उच्च स्तरीय जांच” का आश्वासन दिया, लेकिन बीजेपी विधायकों ने सीडी लहराते हुए विरोध किया, जिससे स्पष्ट वीडियो के अस्तित्व का संकेत मिला.
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आमने-सामने BJP-कांग्रेस
विपक्षी बीजेपी और सत्ताधारी पार्टी के बीच यह टकराव सतह पर सामान्य दिख सकता है, लेकिन इसके पीछे कांग्रेस के भीतर गहरा सत्ता संघर्ष और बीजेपी द्वारा सत्ताधारी पार्टी में दरार डालने के प्रयास छिपे हैं. के एन राजन्ना, 73, सिद्धारमैया के कट्टर समर्थक माने जाते हैं और उन्होंने बार-बार उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार की खुलकर आलोचना की है, जो सीएम बनने की आकांक्षा रखते हैं. राजन्ना ने कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व से शिवकुमार के कई पदों पर होने पर भी सवाल उठाया है.
राजन्ना का आरोप उस समय आया जब खबरें आईं कि गृह मंत्री जी परमेश्वर, जो सीएम पद के भी आकांक्षी हैं, एक पुलिस अधिकारी के परिवार से जुड़े हैं, जिनकी सौतेली बेटी को सोने की तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया गया था. राजन्ना का मानना है कि यह आरोप शिवकुमार के आंतरिक सर्कल द्वारा राजनीतिक रूप से उन्हें और अन्य को कमजोर करने के प्रयास को रोकने के लिए एक कदम है. हालांकि, राजन्ना के आरोपों का समर्थन करने के लिए सार्वजनिक डोमेन में कोई स्पष्ट सबूत नहीं है.
शिवकुमार को निशाना बनाने के पीछे क्या कारण?
राजन्ना के आरोपों के पीछे शिवकुमार को निशाना बनाने का एक कारण यह है कि उपमुख्यमंत्री को 2021 में एक कथित हनी-ट्रैप घटना से जोड़ा गया था. जब तत्कालीन बीजेपी मंत्री रमेश जारकीहोली को बलात्कार के आरोप के बाद इस्तीफा देना पड़ा था. पुलिस जांच में बलात्कार के आरोपों को खारिज कर दिया गया था, लेकिन एक हनी-ट्रैप गिरोह के अस्तित्व का संकेत मिला जिसने बीजेपी मंत्री को फंसाया था. राजन्ना के आरोपों ने राज्य कांग्रेस में गुटीय विवाद को और तेज कर दिया है, जो शिवकुमार के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है, क्योंकि वे अगले सीएम बनने के लिए समर्थन जुटाने का प्रयास कर रहे हैं.
कर्नाटक की राजनीतिक भूचाल में बीजेपी ने भी जोरदार विरोध दर्ज कराते हुए, कांग्रेस में दरार डालने का प्रयास किया है. विपक्ष के नेता आर अशोक ने सोशल मीडिया पर उठाया, “क्या यह संयोग है कि सभी मंत्री जो हनी-ट्रैप की बात कर रहे हैं, वे सिद्धारमैया के गुट से हैं, या इसके पीछे कोई राजनीतिक साजिश है?” राजन्ना के बेटे राजेंद्र ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात की, जिससे यह मुद्दा और गरमा गया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सीएम सिद्धारमैया से मुलाकात की, जिससे आगामी दिनों में इस विवाद के और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है.