बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन (RJD-कांग्रेस-वामदल) में अंदरूनी खींचतान शुरू हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और भागलपुर से विधायक अजीत शर्मा के बयान ने आरजेडी की चिंता बढ़ा दी है।

उन्होंने कहा कि अगर तेजस्वी यादव की पार्टी (RJD) ज्यादा सीटें जीतती है, तो वे मुख्यमंत्री बन सकते हैं, लेकिन इसका अंतिम फैसला कांग्रेस नेतृत्व (सोनिया गांधी और राहुल गांधी) करेंगे।

अजीत शर्मा के बयान से क्यों बढ़ी हलचल?

अजीत शर्मा ने कहा—
“अगर महागठबंधन चुनाव जीतता है और आरजेडी ज्यादा सीटें लाती है, तो तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बन सकते हैं। लेकिन इसका फैसला कांग्रेस हाईकमान यानी सोनिया गांधी और राहुल गांधी करेंगे।”

इस बयान के बाद महागठबंधन में विवाद बढ़ सकता है, क्योंकि अब तक आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को सीएम कैंडिडेट घोषित करते रहे हैं।

महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर टकराव?

बिहार में अक्टूबर-नवंबर 2025 में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है।
महागठबंधन में शामिल पार्टियां—
राष्ट्रीय जनता दल (RJD)
कांग्रेस (INC)
वामपंथी दल (Left Parties)

RJD की कोशिश रहेगी कि वह ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़े और तेजस्वी को सीएम चेहरा घोषित किया जाए।
कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियां भी सीटों की बेहतर हिस्सेदारी चाहती हैं।

अब अजीत शर्मा के बयान से यह संकेत मिल रहा है कि कांग्रेस भी सीएम कैंडिडेट तय करने में अपनी भूमिका सुनिश्चित करना चाहती है।

क्या कांग्रेस महागठबंधन में दबाव बनाने की कोशिश कर रही है?

अब तक महागठबंधन में सीएम फेस तेजस्वी यादव ही माने जाते रहे हैं।
लेकिन कांग्रेस अब इस पर अपनी राय देने की कोशिश कर रही है।
सीट बंटवारे में कांग्रेस अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है।
कांग्रेस यह भी दिखाना चाहती है कि वह सिर्फ जूनियर पार्टनर नहीं है, बल्कि फैसलों में उसकी अहम भूमिका होगी।

क्या महागठबंधन में फूट पड़ सकती है?

अगर कांग्रेस और आरजेडी में सीट बंटवारे और सीएम पद को लेकर मतभेद बढ़ता है, तो महागठबंधन में असहमति देखने को मिल सकती है।
RJD चाहती है कि तेजस्वी को ही सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया जाए, जबकि कांग्रेस का नया रुख इसे चुनौती दे सकता है।

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