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Mausam Ki Jankari: उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से पंजाब, हरियाणा, यूपी, मध्य प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में बारिश और ओले पड़ने की संभावना है. इससे गेहूं की फसल को नुकसान हो सकता है. किसा…और पढ़ें

मौसम विभाग ने लोगों की टेंशन बढ़ा दी है. (File Photo)
हाइलाइट्स
- उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ शुक्रवार से सक्रिय हो रहा है.
- यह पश्चिमी विक्षोभ 13 से 15 मार्च तक एक्टिव रह सकता है.
- इस दौरान ओले पड़ने से किसानों के लिए आफत आ सकती है.
नई दिल्ली. खेतों में इस वक्त गेहूं की फसल तैयार खड़ी है. जल्द ही किसान कटाई शुरू करने वाले हैं. पंजाब-हरियाणा से लेकर यूपी-बिहार हो या फिर मध्य प्रदेश या झारखंड, हर जगह कटाई की तैयारी चल रही है. इसी बीच मौसम ने ऐसी करवट बदली है, जिसने किसानों की टेंशन बढ़ा दी है. मौसम विभाग के मुताबिक एक पश्चिमी विक्षोभ यानी वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का छोटा स्पेल इस वक्त उत्तर भारत में सक्रिय हो चुका है. पंजाब-हरियाणा सहित राजस्थान-यूपी में गुरुवार से बारिश का दौर शुरू होने वाला है. बारिश के साथ ओले पड़ने की भी आशंका जताई जा रही है, जिसे लेकर किसान चिंतित हैं.
फसल कटने के वक्त से ठीक पहले तेज बारिश और ओले पड़ने के कारण गेहूं की फसल पर इसका भारी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है. किसानों को उम्मीद है कि इस साल अच्छी फसल होगी. लेकिन कटाई के वक्त मौसम में यह बदलाव देश के अन्नदाताओं पर कहर ढहा सकता है. स्काईमेट वेदर की रिपोर्ट के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यसागर से उठने वाले तूफान हैं, जो सर्दियों में पश्चिमी हिमालय में बारिश और बर्फबारी का कारण बनते हैं. मार्च आते-आते इनकी सक्रियता अमूमन कम होने लगती है लेकिन इस बार मौसम का मिजाज कुछ अलग है.
राजस्थान से यूपी तक बारिश
बताया गया कि 13 से 15 मार्च तक मौजूदा वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का यह स्पेल सक्रिय रहेगा. इसके कारण पहाड़ी क्षेत्र जैसे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बर्फबारी हो सकती है. उधर, पाकिस्तान के अलावा उत्तर पश्चिमी राजस्थान सहित पंजाब, दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा व उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में में चक्रवाती परिसंचरण के कारण बारिश हो सकती है.
ओलावृष्टि की संभावना
दावा किया जा रहा है कि कुछ स्थानों पर बारिश के साथ-साथ ओले भी पड़ने की संभावना है. पिछले साल भी इस मौसम में देश के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि के कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ा था. कहा गया कि एक और इस बारिश और ओलावृष्टि से हिमालयी राज्यों में बर्फबारी की कमी दूर होगी. वहीं दूसरी ओर उत्तर भारत के किसान आसमान से आ रही आफत को देखते हुए सावधान रहने की जरूरत है.
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