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केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के पिता देबेंद्र प्रधान का 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया. प्रधानमंत्री मोदी और अन्य नेताओं ने श्रद्धांजलि दी.

पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर देबेंद्र प्रधान नहीं रहे, पीएम ने दी श्रद्धांजल‍ि

पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर देबेंद्र प्रधान.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री देबेंद्र प्रधान का सोमवार को 84 वर्ष की आयु में दिल्ली में निधन हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के निवास पर दिवंगत आत्मा को श्रद्धा सुमन अर्पित किए और परिवार को सांत्वना दी. गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह समेत बीजेपी के द‍िग्‍गज नेताओं ने श्रद्धांजल‍ि दी.

भारत सरकार में मंत्री रहे देबेंद्र प्रधान ओडिशा के प्रखर राजनेता रहे. समाजसेवी के रूप में उनका योगदान अविस्मरणीय है. उन्होंने ओडिशा में बीजेपी की राजनीतिक पृष्ठभूमि तैयार करने तथा संगठन को प्रभावी बनने में प्रमुख भूमिका निभाई. सरकारी सेवा में शानदार करियर के बावजूद डॉ. देबेंद्र प्रधान ने स्वयं को जनता के प्रति समर्पित करने का निर्णय लिया और जनवरी 1973 में उन्होंने सरकारी चिकित्सा सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर ओडिया समुदाय की सेवा के लिए निजी चिकित्सा प्रैक्टिस शुरू की.

उनका योगदान केवल स्वास्थ्य देखभाल तक सीमित न रहकर बल्कि सामाजिक सेवा और कृषि पहलों में भी सक्रियतापूर्ण रहा. डॉ. देबेंद्र ने 10 जनवरी 1980 को BJP की सदस्यता ग्रहण कर राजनीति में कदम रखा. उनकी नेतृत्व क्षमता को पहचान उन्हें तालचेर मंडल अध्यक्ष (1980–1983) और अविभाजित ढेंकनाल जिले का अध्यक्ष (1983–1985, 1985–1988) नियुक्त किया गया. उन्होंने 1984, 1991, और 1996 में देवगढ़ संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा, और इस दौरान उनके वोट शेयर में 30,000 से लेकर 1,75,000 तक का महत्वपूर्ण इज़ाफा हुआ.

उन्हें ओडिशा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष (1988–1990, 1990–1993, और 1995–1997) के रूप में सेवा करने का अवसर मिला और बाद में उन्हें प्रदेश महासचिव (1993–1995) भी नियुक्त किया गया. सार्वजनिक सेवा के प्रति उनकी दृढ़ता और समर्पण के कारण वे देवगढ़ (1998-1999) से 12वीं लोकसभा के लिए चुने गए और केंद्रीय भूतल परिवहन राज्य मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान कीं . वहीं 13वीं लोकसभा (1999–2004) के लिए फिर से निर्वाचित हुए और कृषि राज्य मंत्री (1999–2001) की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी सौंपी गई. 2001 में उन्हें बीजेपी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया, जिससे उन्होंने देश की राजनीति में योगदान दिया. इसके बाद 2004 में उन्होंने पल्लहारा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और ओडिशा बीजेपी के स्थायी आमंत्रित सदस्य और राज्य कार्यकारिणी सदस्य (2004–2008) के रूप में पार्टी मामलों में गहराई से शामिल रहे.

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