AAP नेताओं ने दावे का किया खंडन
हालांकि, पंजाब की राजनीति पर करीबी नजर रखने वाले पार्टी सूत्रों और पर्यवेक्षकों ने इस खबर का खंडन किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राघव चड्ढा को पंजाब प्रभारी के पद से हटाए जाने का कोई सवाल नहीं है। राघव चड्ढा ने दिसंबर 2020 में पंजाब का सह-प्रभारी बनने के बाद, 2022 में राज्य में आप की सरकार बनने के बाद इस भूमिका से इस्तीफा दे दिया था।
2022 में राघव को बनाया गया था पंजाब का सह प्रभारी
इसके बाद उन्हें पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार में सलाहकार नियुक्त किया गया था। दिसंबर 2022 में, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने राघव चड्ढा को पंजाब की पार्टी इकाई का सह-प्रभारी नियुक्त किए जाने पर बधाई दी थी। तब केजरीवाल ने ट्वीट किया था, “पंजाब के सह-प्रभारी के रूप में नियुक्त किए जाने पर राघव चड्ढा को बधाई और शुभकामनाएं।” आप के सत्ता में आने के बाद, राघव को 2022 में एक अलग भूमिका दी गई।
राज्य सरकार की सलाहकार समिति का अध्यक्ष बनाया
इस नियुक्ति के बाद, पार्टी ने राघव चड्ढा की भूमिका को स्पष्ट किया था, और एक बयान जारी कर बताया था कि उन्हें पंजाब में आप सरकार की जन-हितैषी पहलों की देखरेख करने और सरकार को वित्त के मामलों पर सलाह देने के लिए नियुक्त किया गया है। बयान में लिखा था, “पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा को राज्य सरकार की सलाहकार समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है। वह पंजाब में आप सरकार की जन-हितैषी पहलों की अवधारणा और कार्यान्वयन की देखरेख करेंगे और सरकार को वित्त के मामलों पर सलाह देंगे।”
राघव चड्ढा को लेकर पार्टी ने क्या दी सफाई?
यह भी बताया गया था कि राघव चड्ढा को पंजाब प्रभारी के पद से हटाए जाने का सवाल नहीं उठता। इसके बजाय, जरनैल सिंह जो इस पद पर थे, अब उनकी जगह मनीष सिसोदिया को पंजाब प्रभारी नियुक्त किया गया है। यह फैसला आप द्वारा अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के लिए एक रणनीतिक प्रयास का हिस्सा था। पार्टी भविष्य के चुनावों के लिए अपना आधार फिर से तैयार करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, खासकर फरवरी 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद।
AAP ने कई बदलाव किए
इस फेरबदल में कई महत्वपूर्ण बदलाव शामिल थे। दिल्ली के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज को आप की दिल्ली इकाई का नया प्रमुख नियुक्त किया गया, जबकि मनीष सिसोदिया को पंजाब इकाई की कमान सौंपी गई। इसके अलावा, गुजरात में पार्टी की स्थिति मजबूत करने के लिए गोपाल राय को गुजरात इकाई का प्रभारी नियुक्त किया गया। यह नेतृत्व परिवर्तन ऐसे समय में हुए हैं, जब पार्टी अगले कुछ वर्षों में होने वाले महत्वपूर्ण चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए प्रयासरत है। पार्टी अब गुजरात, पंजाब, गोवा और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में अपनी पकड़ मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।