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Bombay High Court: डीजीसीए के फैसले के लिखाफ ऑस्‍ट्रेलिया से ट्रेंड एक पायलट ने मुंबई हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. याचिका में एचआईवी पॉजिटिव होने की वजह से उसके अधिकारों के हनन का आरोप लगाया गया है.

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एचआईवी पॉजिटिव पायलट ने डीजीसीए को दी हाईकोर्ट में चुनौती. (फाइल फोटो)

हाइलाइट्स

  • HIV+ पायलट ऑस्‍ट्रेलिया से हुआ है प्रशिक्षित.
  • डीजीसीए की सभी परीक्षाओं को कर चुका है पास.
  • HIV+ पता चलने के बाद DGCA ने लिया था यह फैसला.

HIV positive pilot Vs DGCA in Bombay High Court: एक ऑस्ट्रेलिया से प्रशिक्षित कमर्शियल पायलट ने मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में बताया कि एचआईवी पॉजिटिव होने की वजह से नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने उसे कमांडर के तौर पर उड़ान भरने के लिए फिट तो माना है, लेकिन इसके साथ एक शर्त यह रखी है कि उसे एक अनुभवी पायलट के साथ उड़ान भरनी होगी. पायलट ने इसे भेदभावपूर्ण बताते हुए कहा कि उस पर यह शर्त सिर्फ एचआईवी पॉजिटिव होने की वजह से लगाई गई है. लिहाजा, वह इस शर्त को चुनौती देने के लिए एक नई याचिका दायर करना चाहता है.

अपने पिता के जरिए याचिका दायर कर पायलट ने कोर्ट में बताया कि जुलाई 2021 में उसे मेडिकल टेस्ट में फिट पाया गया था और उसने कमांड पायलट बनने के लिए डीजीसीए की परीक्षा भी पास कर ली थी. लेकिन अक्टूबर 2021 में जब उसे एचआईवी का पता चला, तो उसे अस्थायी रूप से उड़ान भरने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया. फिर दिसंबर 2021 में डीजीसीए ने उसे स्थायी रूप से कमांड पायलट के तौर पर उड़ान भरने के लिए अयोग्य ठहरा दिया. इसके बाद पायलट ने मई 2022 में अपील की, तो डीजीसीए ने उसे केवल सह-पायलट (P2) के तौर पर उड़ान भरने की अनुमति दी और जिसके बाद वह अमेरिका चला गया.

डीजीसीए ने कोर्ट में कही यह बड़ी बात
वहीं, डीजीसीए ने 18 दिसंबर को दिए अपने जवाब में कहा कि पायलट एंटी-रेट्रोवायरल थैरेपी (ART) पर है. इस थैरेपी के लिए इस्‍तेमाल की जा रही कई दवाइयों के कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं. इसी वजह से डीजीसीए ने उसे अनुभवी पायलट के साथ उड़ान भरने की अनुमति दी थी. साथ ही, अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन के नियमों का हवाला देते हुए कहा गया कि पायलट को एक अनुभवी पायलट के साथ उड़ान भरने के लिए फिट माना जा सकता है. पायलट के वकील का कहना है कि अगर पायलट को हमेशा एक अनुभवी पायलट के साथ उड़ान भरने की शर्त रखी जाएगी, तो उसे कोई भी एयरलाइन काम पर नहीं रखेगी.

कोर्ट ने पायलट से कह दी दिल की यह बात
वहीं मामले की सुनवाई कर रहे मुंबई हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और अद्वैत सेठना ने कहा है कि यदि याचिकाकर्ता को घटनाक्रम और नए प्रमाणन से कोई शिकायत है तो उसे कानून में उपलब्‍ध प्रावधानों के आधार पर चुनौती देनी चाहिए. नई याचिका दाखिल कर मामले का निपटारा किया जा सकता है.

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