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Gujarat: जूनागढ़ रेंज में भीषण गर्मी के चलते तेंदुओं के हमले बढ़ गए हैं. पानी की तलाश में वन्यजीव इंसानी बस्तियों में घुस रहे हैं, जिससे खेतों में सो रहे लोग और मवेशी शिकार बन रहे हैं.

गर्मियों में बढ़ जाती है जानवरों की परेशानियां
गुजरात के जंगलों में गर्मी अपने चरम पर पहुंच गई है, जिससे इंसानों और जानवरों दोनों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं. पानी की कमी के कारण जंगली जानवर अब जल स्रोतों की तलाश में इंसानी बस्तियों तक पहुंचने लगे हैं. खासकर जूनागढ़ रेंज के अमरेली, भावनगर, गिर सोमनाथ और जूनागढ़ इलाकों में तेंदुओं के हमले की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं.
खुले में सोने वालों पर बढ़ा हमला
तेंदुए अक्सर रात के समय भोजन और पानी की तलाश में खेतों और बस्तियों के आसपास आ जाते हैं. खासकर वे लोग जो खेतों में खुले में सोते हैं, वे इन हमलों का शिकार बनते हैं. वन विभाग के अनुसार, गर्मी के दिनों में तेंदुओं के हमले की घटनाएं पिछले साल भी हुई थीं और इस बार भी अब तक 10 से ज्यादा घटनाएं सामने आ चुकी हैं.
पानी की तलाश में जंगल छोड़ रहे जंगली जानवर
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जंगल में मौजूद जल स्रोतों के सूख जाने के कारण तेंदुए और अन्य जंगली जानवर अब इंसानी इलाकों का रुख कर रहे हैं. यह गतिविधि खासतौर पर शाम और रात के समय ज्यादा होती है, जब तापमान थोड़ा कम होता है और जंगली जानवर ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं.
पशुओं के पानी पीने के स्रोत भी हमलों की वजह
मवेशी चराने वाले पशुपालकों के लिए भी यह समस्या गंभीर हो गई है. उनके मवेशी और तेंदुए अक्सर एक ही जल स्रोत से पानी पीते हैं, जिससे आमना-सामना होने पर हमलों की संभावना बढ़ जाती है. कई मामलों में तेंदुए मवेशियों पर हमला कर देते हैं और अगर इंसान पास में हो, तो वह भी शिकार बन सकता है.
शेरों का खतरा भी बढ़ा, लेकिन इंसानों पर हमले दुर्लभ
हालांकि तेंदुओं की तुलना में शेरों के हमले कम होते हैं, लेकिन कभी-कभी ऐसी घटनाएं सामने आती हैं. मुख्य वन संरक्षक आराधना साहू के अनुसार, “शेर आमतौर पर इंसानों पर हमला नहीं करते. लेकिन अगर उन्हें छेड़ा जाए या वे खुद को खतरे में महसूस करें, तो वे हमला कर सकते हैं. शेर कभी इंसानों को अपना शिकार बनाने के लिए हमला नहीं करते, बल्कि वे सिर्फ अपनी सुरक्षा के लिए ऐसा करते हैं.”
वन विभाग ने जारी किए एहतियाती निर्देश
वन विभाग ने स्थानीय निवासियों के लिए कुछ जरूरी निर्देश जारी किए हैं ताकि तेंदुओं और शेरों के हमलों से बचा जा सके—
- शाम के समय छोटे बच्चों को अकेला न छोड़ें, खासकर वाडी क्षेत्र में.
- मांस और मटन के अवशेष खुले में न फेंकें, ताकि जंगली जानवर आकर्षित न हों.
- मृत पशुओं का सही तरीके से निपटान करें.
- रात के समय खुले में सोने से बचें और सुरक्षित आश्रय में रहें.
- अनजान जगहों पर अकेले यात्रा करने से बचें, खासकर रात के समय.