गलवान में जिस चीनी सैनिक को भारतीय सेना ने सिखाया था सबक, अब उसे चीन ने दिया ये सम्मान

चीन ने गलवान में घायल सैन्य अधिकारी को किया सम्मानित (प्रतीकात्मक तस्वीर)

चीन ने 2020 में भारतीय सैनिकों के साथ गलवान घाटी में सीमा पर हुई झड़प में घायल एक जवान को सम्मानित किया है. सेना के कमांडर को राष्ट्रीय सलाहकार निकाय चाइनीज पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टेटिव कॉन्फ्रेंस (CPPCC) का विशिष्ट सदस्य बनाकर सम्मानित किया है. इससे पहले चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग ने उस जवान को हीरो रेजिमेंटल कमांडर की उपाधि भी दे चुका है.

ग्लोबल टाइम्स ने ‘सीपीपीसीसी डेली’ के हवाले से बताया है कि रविवार को बीजिंग में आयोजित एक समारोह में सेना के जवान क्यूई फबाओ को यह सम्मान दिया है. सीपीपीसीसी सदस्यों के लिए 2024 के उत्कृष्ट प्रदर्शन पुरस्कार से सम्मानित 33 लोगों में क्यूई फबाओ भी शामिल थे. साल 2022 में क्यूई को शीतकालीन ओलंपिक के लिए मशालवाहक बनाया गया था. इसको लेकर भारतीय राजनयिकों ने आयोजन के उद्घाटन और समापन समारोहों का बहिष्कार किया था.

क्यूई फबाओ को पहले भी किया गया था सम्मानित

ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, इससे पहले क्यूई को केंद्रीय सैन्य आयोग द्वारा ‘सीमा की रक्षा के लिए हीरो रेजिमेंटल कमांडर’ की उपाधि से सम्मानित किया गया था. 2021 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना सेंट्रल कमेटी द्वारा मेडल से सम्मानित किया गया था. वहीं, जनवरी 2023 में क्यूई को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया. सीपीपीसीसी की 14वीं राष्ट्रीय समिति के सदस्यों की सूची की घोषणा के बाद वह सीपीपीसीसी के सदस्य बन गए.

चीन ने 8 महीने बाद दिए मौत के आंकड़े

चीन ने गलवान संघर्ष के 8 महीने बाद अपने चार सैनिकों की मौत की बात स्वीकार की थी. इस झड़प में कुल 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. इसे भारत-चीन सीमा पर चार दशकों में सबसे भीषण झड़प माना जाता है. भारत ने घटना के तुरंत बाद हताहतों की संख्या की घोषणा की, जबकि चीन ने 8 महीने बाद अपने हताहतों की संख्या बताई.

पिछले साल दोनों देशों के रिश्ते फिर से हुए बहाल

गलवान झड़प और पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बाद दोनों देशों के बीच चार साल से ज़्यादा समय तक रिश्तों में तनाव रहा. पिछले साल अक्टूबर में रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच मुलाकात के बाद दोनों देशों के रिश्ते फिर से बहाल हुए. इससे पहले दोनों देशों के बीच कई कमांडर लेवल और एनएसए स्तर की वार्ता हुई थी.

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