बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस बुधवार को चार दिवसीय चीन दौरे पर जाएंगे. इस दौरान उनका मकसद शेख हसीना के सत्ता से जाने के बाद द्विपक्षीय संबंधों को फिर से दिशा देना होगा. यूनुस की यह यात्रा इसलिए भी अहम है, क्योंकि हो सकता है तो अगले महीने की शुरुआत में वह पीएम मोदी से भी मुलाकात कर सकते हैं. इसके लिए वह अनुरोध कर चुके हैं, लेकिन भारत ने अभी इसे कंफर्म नहीं किया है.
बैंकॉक में 2-4 अप्रैल के बीच BIMSTEC बैठक के दौरान हो सकता है तो मोहम्मद यूनुस और पीएम मोदी के बीच द्विपक्षीय बैठक हो सकती है. हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने दोनों नेता की मुलाकात पर खबर लिखे जाने तक कुछ पुष्टि नहीं की है. वहीं, यूनुस चीन में अपनी यात्रा के दौरान बोआओ फोरम फॉर एशिया में हिस्सा लेंगे. यह बीजिंग के रणनीतिक थिंक-टैंक की वार्षिक बैठक है.
यह भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल: भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर BSF का बड़ा एक्शन, स्मगलरों से मुक्त कराए 16 मवेशी
चीन और बांग्लादेश के बीच पारंपरिक दोस्ती की नई शुरुआत!
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने इसकी पुष्टि की और इसे चीन और बांग्लादेश के बीच पारंपरिक दोस्ती भरे सहयोग की एक नई शुरुआत बताई. ढाका में, बांग्लादेश के लिए चीनी राजदूत याओ वेन ने मीडिया से कहा कि यूनुस की यह यात्रा अत्यधिक सफल होगी और महत्वपूर्ण घोषणाओं के साथ एक मील का पत्थर साबित होगी.
मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम के मुताबिक, ये यात्रा पिछले 50 वर्षों में किसी बांग्लादेशी नेता की सबसे महत्वपूर्ण यात्रा मानी जा रही है. यात्रा के दौरान यूनुस बीजिंग जाएंगे और 28 मार्च को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे.
यह भी पढ़ें: 3 कदम और सेना ने यूनुस सरकार की बढ़ा दी मुश्किल, क्या बांग्लादेश में पलटने जा रहा है गेम?
शेख हसीने के सत्ता से जाने के बाद चीन के साथ बांग्लादेश के कई समझौते
हसीना सरकार के पतन के बाद, चीन ने कई बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडलों की मेजबानी की है. चीन ने जनवरी में हुई एक बैठक में बांग्लादेश के लोन भुगतान की अवधि को बढ़ाने, बांग्लादेशी उत्पादों के लिए शुल्क मुक्त बाजार की गारंटी देने और चीनी लोन की ब्याज दर कम करने जैसी कई ऐलान हुए थे.