
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (फाइल फोटो)
पाकिस्तान जिसकी मुश्किलें हर दिन बढ़ती जा रही हैं. गृहयुद्ध जैसे हालात और गरीबी में फंसा पाकिस्तान अपने हालात पर आंसू बहा रहा है. हर इंटरनेशनल स्टेज पर पाकिस्तान की बेइज्जती हो रही है. शहबाज की सत्ता को अपमान के कड़वे घूंट पीने पड़ रहे हैं. पाकिस्तान को अब अपमान की ताजा कड़वी घुट्टी अमेरिका ने पिलाई है. दूसरी ओर पाकिस्तान में चीनी की चाय भी अब कड़वी लगने लगी है.
खबर है कि ट्रंप सरकार ने पाकिस्तानियों की अमेरिका में एंट्री बैन करने का प्लान तैयार कर लिया है. इसके बाद अब पाकिस्तानियों की अमेरिका में एंट्री बहुत मुश्किल हो गई. इतना ही नहीं, पाकिस्तान की कड़वाहट इस वक्त चीनी ने भी बढ़ा दी है. वैसे तो चीनी से मिठास बढ़ती है. लेकिन पाकिस्तान में चीनी इतनी महंगी हो गई है कि जनता को चीनी वाली कड़वाहट महसूस हो रही है. पहले बात ट्रंप के उस फैसले की करते हैं, जिससे पाकिस्तान को शर्मिंदा होना पड़ रहा है.
अमेरिका ने वीजा को लेकर तय किए नए नियम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका ने वीजा को लेकर नए नियम तय किए हैं. इसके मुताबिक उन 41 देशों की लिस्ट बनाई गई हैं, जिनके लिए वीजा नियम पहले से ज्यादा सख्त किए जाएंगे. इन सभी 41 देशों को अमेरिका ने तीन अलग अलग कैटेगरी में बांटा है. सबसे बड़ी बात ये है कि इस लिस्ट में पाकिस्तान का नाम भी शामिल हैं. जिसके बाद अब पाकिस्तान के नागरिकों को अमेरिका का वीजा मिलना बेहद मुश्किल हो जाएगा. पाकिस्तान के लिए शर्म की बात ये है कि उसे अफगानिस्तान, सीरिया और ईरान जैसे देशों के साथ इस लिस्ट में शामिल किया गया है.
पाकिस्तान इस शर्मिंदगी को महसूस तो कर रहा है, लेकिन अभी किसी तरह खुलकर स्वीकार नहीं कर रहा. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान को ऐसे प्रतिबंधों का कोई आधिकारिक संकेत नहीं मिला है. फिलहाल ये सब अटकलें हैं और इसलिए इस पर कोई प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है. लेकिन ये सच ज्यादा दिन छिपेगा नहीं. जल्द ही अमेरिका उन देशों की लिस्ट जारी कर देगा जिन पर वीजा प्रतिबंध लगेंगे. और उसमें पाकिस्तान का नाम होना कंफर्म माना जा रहा है.
चीनी की कीमतें 200 पाकिस्तानी रुपयों से ज्यादा
अब पाकिस्तान में चीनी वाली कड़वाहट की बात कर लेते हैं. रमजान के महीने में चीनी के लिए मारामारी है. चीनी की कीमतें 200 पाकिस्तानी रुपयों से ज्यादा पहुंच चुकी हैं. पहले से महंगाई की मार झेल रही पाकिस्तानी जनता के लिए ये बड़ी परेशानी है. लाहौर जैसे बड़े शहरों में चीनी की कीमत 180 पाकिस्तानी रुपए प्रति किलो है. रावलपिंडी में 190 रुपए किलो तो खैबर पख्तूनख्वा के कई इलाकों में 200 रुपए किलो तक चीनी बिक रही है. बलूचिस्तान में चीनी इससे भी महंगी बिक रही है.
चीनी की कीमतें इतनी रफ्तार से बढ़ी हैं कि शहबाज सरकार परेशान है. इसके समाधान के लिए कैबिनेट मंथन तक हो रहा है. वैसे भी पाकिस्तानियों को चीनी की मिठास बहुत पसंद है. पाकिस्तान में हर साल 63 लाख टन चीनी की खपत होती है. हर साल इसमें 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही है.
एक साल में औसतन 25 किलो चीनी का सेवन
एक अनुमान के मुताबिक हर पाकिस्तानी एक साल में औसतन 25 किलो चीनी का सेवन करते हैं. पाकिस्तान में हर व्यक्ति जितना खाने पीने पर खर्च करता है, उसका करीब 4 प्रतिशत सिर्फ चीनी पर खर्च होता है. यही वजह है कि पाकिस्तान में करीब 3 करोड़ लोग डायबिटीज से परेशान हैं. जब चीनी इतनी पसंद हो तो उसकी किल्लत और कीमत बढ़ने से पाकिस्तान का परेशान होना लाजमी है.