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Delhi High Court News: दिल्ली हाईकोर्ट में हर दिन हाईप्रोफाइल मामले आते रहते हैं. इनमें से कई मामले कानूनी रूप से बेहद महत्वपूर्ण होते हैं. ऐसे में हाईकोर्ट के जज भी अक्सर ही सुर्खियों में रहते हैं.

दिल्ली हाईकोर्ट की जज ने सार्वजनिक तौर पर ‘महिषासुर मर्दिनी’ स्त्रोत का पाठ किया.
हाइलाइट्स
- जस्टिस स्वर्णकांता ने महिषासुर मर्दिनी का किया पाठ
- महिला वकीलों के कार्यक्रम में जज ने किया स्त्रोत पाठ
- कार्यक्रम में आमंत्रित थीं दिल्ली HC की जज स्वर्णकांता
नई दिल्ली. हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अक्सर ऐसे मामले सामने आते रहते हैं, जिनका दूरगामी असर होता है. ऐसे मामलों की सुनवाई करने वाले जज भी चर्चा के केंद्र में रहते हैं. कई बार जज कोई ऐसी बात कह देते हैं, जिसको लेकर सार्वजनिक तौर पर बहस छिड़ जाती है. पिछले साल इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज ने एक समारोह में ऐसी बात कही दी थी, जिसको लेकर काफी चर्चाएं हुईं और वे खबरों में भी छाए रहे थे. अब दिल्ली हाईकोर्ट की एक जज ने सार्वजनिक तौर पर कुछ ऐसा किया है कि उनका यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया है. दिल्ली हाईकोर्ट की इस महिला जज ने एक कार्यक्रम में महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत का पाठ किया. सोशल मीडिया में वीडियो सामने आते ही वायरल हो गया. हाईकोर्ट की इसी जज ने कभी अरविंद केजरीवाल को कोर्ट रूम में नसीहत दी थी.
दिल्ली हाईकोर्ट की जज जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने सार्वजनिक तौर पर महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत का पाठ किया है. उनके इस वीडियो को अब तक हजारों लोग देख चुके हैं. दरअसल, राष्ट्रीय महिला आयोग और अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद की ओर से ऑल इंडिया वूमेन एडवोकेट कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा को भी आमंत्रित किया गया था. अपने संबोधन के दौरान उन्होंने महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत का पाठ किया. जस्टिस स्वर्णकांता जब महिषासुर मर्दिनी का पाठ कर रही थीं तो पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा. कार्यक्रम स्थल पर मौजूद वकीलों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनके प्रयास की सराहना की.
कभी केजरीवाल को दी थी नसीहत
दिल्ली हाईकोर्ट की जज जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जुड़े मामलों की भी सुनवाई कर चुकी हैं. पिछले साल अप्रैल में दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में जस्टिस स्वर्णकांता ने सुनवाई की थी. मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में एक सरकारी गवाह के बारे में किए गए दावे को लेकर अरविंद केजरीवाल ने अप्रसन्नता जताई थी. मामले की सुनवाई करने वाली पीठ में जस्टिस स्वर्णकांता भी थीं. केजरीवाल के रवैये पर उन्होंने इसे न्यायिक प्रक्रिया पर आक्षेप लगाने जैसा बताया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि सरकारी गवाहों से संबंधित कानून 100 साल से अधिक पुराना है और इसे आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता को फंसाने के लिए नहीं बनाया गया.
New Delhi,Delhi
March 09, 2025, 16:54 IST
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